– पहले टेस्ट पर टीम इंडिया का कंट्रोल, यशस्वी जयसवाल शतक के करीब
– केएल राहुल भी नाबाद अर्द्धशतकीय पारी खेलकर फॉर्म में लौटे
-आस्ट्रेलिया की पारी 104 रनों पर सिमटी, बुमराह को पांच, हर्षित राणा को तीन विकेट
पर्थ में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के पहले टेस्ट में अटॉप्स स्टेडियम की विकेट पर मौजूद हरी घास के मरते ही टीम इंडिया की बल्लेबाजी जी उठी। सलामी जोड़ी यशस्वी जयसवाल (90) और केएल राहुल (62) ने फॉर्म दिखाई और पहली पारी में मिली 46 रनों की लीड में दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक बिना अलग हुए 172 रन और जोड़ दिए। टीम इंडिया की कुल बढ़त 218 रन हो चुकी है और उसके सभी विकेट सुरक्षित हैं। यहां से आस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं।
अटॉप्स पर पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी
यह अटॉप्स पर पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है, जबकि आस्ट्रेलिया में 1986 में गावस्कर और श्रीकांंत के बीच 191 रनों की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड भी 38 साल बाद सुधर सकता है। यशस्वी जयसवाल ने अपनी पारी के दौरान अब तक दो छक्के और 7 छक्के, जबकि केएल राहुल ने अर्द्धशतकीय पारी में चार चौके लगाए हैं। विकेट के बदले स्वभाव और आस्ट्रेलिया की फुल स्ट्रेंथ को देखते हुए अब चौथी पारी के लिए लक्ष्य भी बदल जाएगा। यानी टीम इंडिया को साढ़े चार सौ रनों का संशोधित लक्ष्य दिमाग में रखकर चलना होगा।
दूसरे दिन सिर्फ तीन विकेट गिरे, रन भी 209 ही बने
आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 20 साल बाद सलामी विकेट पर तीन अंकों की साझेदारी हुई है। यहां से टीम इंडिया का हर अगला बल्लेबाजी सत्र मेजबान टीम के लिए हार का खतरा बढ़ाता जाएगा। पहले और दूसरे दिन के खेल में काफी अंतर रहा। पहले दिन 17 विकेट गिरे थे वहीं दूसरे दिन पहले सेशन के बाद कोई विकेट ही नहीं गिरा। यानि दूसरे दिन सिर्फ तीन विकेट गिरे लेकिन रन कल से भी कम अर्थात 209 ही बने। दरअसल दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाजों ने पहली पारी की दहशत में स्लो स्कोरिंग की।
सुबह मिल गए थे विकेट का मिजाज बदलने के संकेत
सुबह जब स्टार्क और हेजलवुड ने मिलकर 18 ओवर खेल डाले थे तभी विकेट तब्दीली का संकेत देने लगा था। पहले दिन भी टीम इंडिया ने लगभग 50 ओवर खेल कर 150 रन बनाए थे, दूसरे दिन भी 50 ओवर के आस-पास के खेल में उसके बल्लेबाजों ने इतने ही रन बना लिए थे। लेकिन सबसे बड़ा फर्क यह था कि तब उसके सभी विकेट चले गए थे।
आस्ट्रेलिया की पहली पारी 104 पर सिमटी
सुबह लंच से ठीक पहले 67 रन पर सात विकेट से आगे शुरू होने वाली आस्ट्रेलियाई पारी 37 रन और जोड़ने के बाद 104 रनों पर सिमट गई। टीम इंडिया को पहली पारी में 150 रन बनाने के बावजूद 46 रनों की महत्वपूर्ण लीड मिल गई। हालांकि इस दौरान मिचेल स्टार्क और हेजलवुड के बीच अंतिम विकेट की साझेदारी ने गेंदबाजों को काफी परेशान किया। 25 रनों की यह साझेदारी आस्ट्रेलियाई पारी में सबसे बड़ी रही।
पहली सफलता मिलते ही बुमराह का पंजा खुला
टीम इंडिया को पहली सफलता बुमराह ने एलेक्स कैरी (21) के विकेट के रूप में अपनी पहली ही गेंद पर दिलवा दी थी। कैरी का विकेट बुमराह के लिए उनका पांचवां विकेट बना। इस विकेट ने एक एंड खोल दिया था। राणा जो अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे, उन्हें मैदान पर दिग्गज विराट कोहली के टिप्स भी मिल रहे थे। इसी का नतीजा था कि राणा के 12वें ओवर की एक शॉर्ट पिच गेंद को नाथन लॉयन (5) बैकफुट पर खेलने को मजबूर हुए और गेंद बल्ले के ऊपरी हिस्से पर लगी और स्लिप पर केएल राहुल के हाथों में चली गई।
स्टार्क और हेजलवुड ने किया सबसे ज्यादा परेशान
अंतिम जोड़ी ने सबसे ज्यादा परेशान किया। स्टार्क दोनों एंड खुद ही संभाल रहे थे और एक-एक रन ले आस्ट्रेलिया के स्कोर को बढ़ा रहे थे। इस जोड़ी को तोड़ने के लिए मोहम्मद सिराज, नीतीश कुमार रेड्डी और स्पिनर वाशिंगटन सुंदर को भी आजमाया गया लेकिन कामयाबी नहीं मिली। लिहाजा बुमराह और हर्षित राणा को दूसरे स्पेल में आना पड़ा।
आसान होने लगा था अटॉप्स की विकेट
सुबह ही विकेट बल्लेबाजी के लिए आसान होने लगा था। स्टार्क ने आस्ट्रेलिया की पारी में फेंके गए 52 ओवरों में लगभग 19 ओवर की गेंदबाजी खुद ही खेली। इसके अलावा पांच ओवर हेजलवुड (नाबाद 7) खेल गए। दरअसल कूकाबुरा गेंद ने 35 ओवर के बाद अपना असर काफी कम कर दिया था। अंतत: लंच से ठीक पहले राणा ने स्टार्क को अपने एक बाउंसर पर फंसा लिया। यह उनका तीसरा विकेट था। स्टार्क ने 26 बहुमूल्य रनों की पारी खेली, जो कि आस्ट्रेलियाई पारी में सवार्ेच्च थी। इसी विकेट के साथ आस्ट्रेलियाई पारी का अंत हो गया।