कानपुर। यूं तो भारत में पहली बार कोलकाता के ईडन गार्डन्स में 2016 में ऐतिहासिक लार्ड्स की तर्ज पर टेस्ट मैच शुरू होने से पहले घंटी बजाने की शुरुआत हुई थी लेकिन अब ग्रीनपार्क में भी भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाले दूसरे टेस्ट मैच की शुरुआत में घंटी की मधुर आवाज गूंजेगी। यूपीसीए कोषाध्यक्ष ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कोलकाता में यह शुरुआत कानपुर से न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को मिली 194 रनों से शानदार जीत के बाद सीरीज के दूसरे टेस्ट में की गई थी। तब सौरभ गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे और उन्हीं ने यह घंटी ईडन गार्डन में लगवाई थी।
बता दें कि 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव दूसरा टेस्ट शुरू होने से पहले ईडन में घंटी बजाने वाले पहले क्रिकेटर बने थे। गांगुली को पवित्र घंटी बजाने का यह सम्मान लार्ड्स में 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के पांचवें दिन सुबह मिला था।
कैब के तत्कालीन अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सबसे पहला फोन कपिलदेव को करके उनसे अनुरोध किया था कि‘पाजी मैं चाहता हूं कि पहली बार आप घंटी बजाएं, इस पर कपिल देव ने कहा था आपके लिए तो कुछ भी करेंगे दादा।
ग्रीनपार्क के 76 वर्षों के इतिहास में पहली बार यह सम्मान स्टेडियम में मौजूद सबसे सीनियर क्रिकेटर को दिया जायेगा। यह घंटा 11 किलो का बनवाया गया है। मैच के बाद इसे यूपीसीए कार्यालय में सुरक्षित रखा जायेगा और मैच के समय इसका प्रयोग होता रहेगा।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रिंग बजाकर मैच के शुरुआत करने की प्रथा 2007 में लार्ड्स में हुई थी। तब इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेले गये इस मैच में महान बल्लेबाज सर विवियन रिचर्ड्स, सर गारफील्ड सोबर्स और बीसीसी के पूर्व निर्माता पीटर बैक्सटर को यह सम्मान प्राप्त हुआ था।
यूपीसीए के कोषाध्यक्ष प्रेम मनोहर गुप्ता ने बताया कि देश-दुनिया के अधिकतर स्टेडियम में इस प्रथा को संचालित किया जा रहा है। ग्रीनपार्क देश के सबसे पुराने पांच टेस्ट सेंटर में से है, इसीलिये इस बार हमने इस प्रथा की शुरुआत करने का फैसला लिया है।
यह घंटा न्यू प्लेयर्स पवेलियन के बाहर लगेगा। इस घंटी से मैच की शुरुआत करने की पीछे का मुख्य कारण उन पूर्व खिलाड़ियों को सम्मान देना है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय फलक पर क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनायी है।