बेंगलुरू टेस्ट : कोई चमत्कार न हो सका, भारत आठ विकेट से हारा

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-36 साल बाद न्यूजीलैंड ने भारत की जमीन पर जीत हासिल की
– रचिन रविन्द्र मैन ऑफ द मैच घोषित किए गए
बेंगलुरू। न बारिश आई और न ही विकेटों की बारिश जैसा कोई चमत्कार ही हो सका। भारत पहला टेस्ट न्यूजीलैंड से आठ विकेट से हार गया। पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में नाबाद 39 रन बनाने वाले रचिन रविन्द्र मैन ऑफ द मैच घोषित किए गए। इसके साथ ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में उसके फाइनल तक का सफर भी अब थोड़ा मुश्किल भरा हो गया है।

भारत में अभी भी अंक तालिका में शीर्ष पर कायम
प्वाइंट टेबल में भले ही भारत (98 अंक) पहले स्थान पर बरकरार हो लेकिन उसका पीसीटी गिरकर 68.06 हो गया है, जो आस्ट्रेलिया (90 अंक) के पीसीटी 62.50 से थोड़ा ही ज्यादा है। श्रीलंका तीसरे स्थान पर है, जबकि न्यूजीलैंड ने इस जीत के साथ इंग्लैंड को पीछे कर चौथे स्थान पर जगह बना ली है। 36 साल बाद न्यूजीलैंड ने भारत की जमीन पर जीत हासिल की। पिछली जीत उसे वानखेड़े स्टेडियम मुंबई में 1988 में मिली थी।

ऐसी बल्लेबाजी के बाद भी जीत की ख्वाहिश!
पहली पारी में 46 रन बनाने के बाद आप जीत की ख्वाहिश भी रखते हो तो यह बड़े जिगरे की बात है। दूसरी पारी में भारत ने 462 रन जरूर बनाए लेकिन सिर्फ 106 रनों की अल्प बढ़त के बाद जीत किसी चमत्कार से ही मिल सकती थी। पहली पारी की नाकामी अंतिम दिन तक खलती रही। भारत ने कल तीन विकेट पर 408 रन बनाने के बाद अंतिम सात विकेट सिर्फ 54 रन पर खो देना भी भारत को काफी भारी पड़ गया। भारत की लीड यदि 150 से 175 होतरी तो मेहमान टीम दरारें खोल देने वाली विकेट पर चौथी पारी में दबाव में हो सकती थी।

सीरीज के पहले टेस्ट के पांचवें व अंतिम दिन सुबह 106 रनों का स्कोर डिफेंड करने के दौरान जसप्रीत बुमराह ने न्यूजीलैंड का खाता खुलने से पहले ही कप्तान टॉम लैथम (शून्य) को पहले ओवर की अंतिम गेंद पर एलबीडब्लयू कराकर भारत के लिए जीत की आस जगाई थी।

बुमराह ने ही 35 रनों के कुल स्कोर पर डेविड कान्वे (17) को भी विकेट के सामने पकड़वा जीत की उम्मीद को जिंदा रखा। लेकिन उसके बाद विल यंग (नाबाद 48) और रचिन रविन्द्र ने गेंदबाजों की एक न चलने दी और अपनी टीम को जीत तक पहुंचा दिया। रचिन रवीन्द्र ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाकर मैच को जल्दी खत्म कर दिया।

हैरानी की बाद यह रही कि कप्तान रोहित शर्मा ने अंतिम दिन रविन्द्र चन्द्रन (नाबाद 39) अश्विन का इस्तेमाल तब किया जब न्यूजीलैंड को जीत के लिए केवल 10 रन ही और चाहिए थे। बुमराह और मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाजी करते हुए मैच को रोमांचक मोड़ देने की कोशिश की। खासकर बुमराह ने मेहमान बल्लेबाजों को काफी परेशान किया।

विकेट की दरारों का फायदा उठाते हुए बल्लेबाजों को शुरुआत में सेटल नहीं होने दिया लेकिन दो विकेट गिरने के बाद विकेट से गेंदबाजों का असर खत्म होते दिखा। रचिन रविन्द्र ने आते ही गेंदबाजों पर धावा बोलते हुए तेजी के साथ रन बनाए और बारिश की संभावना को देखते हुए मैच को जल्दी खत्म कर दिया। रचिन ने अपनी पारी के दौरान सिर्फ 46 गेंदें ही खेलीं।

 

 

 

 

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