-गाबा के बाद अटॉप्स के विकेट पर भी आस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ने को तैयार टीम इंडिया
– 534 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए आस्ट्रेलिया ने सिर्फ 12 रनों पर खो दिए मैक्सवीनी, कमिंस और लाबुशेन के विकेट
संजीव मिश्र
भूल जाइये घरेलू विकेटों पर न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया के साथ क्या किया था, क्योंकि गाबा के बाद टीम इंडिया पर्थ के अटॉप्स स्टेडियम में आस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ने को तैयार है। अटॉप्स में अब तक खेले सभी चारों टेस्ट जीतने वाली आस्ट्रेलिया की टीम पहली बार इस विकेट पर हार के आसन्न संकट से घिर चुकी है। उसे जीतना है तो अगले दो दिनों में बाकी 522 रन और बनाने होंगे। समय की बिल्कुल कमी नहीं है लेकिन विकेट उसके पास सिर्फ सात ही हैं और खराब होते विकेट पर टेस्ट इतिहास का सबसे विशाल लक्ष्य।
सबसे बड़ा लक्ष्य 418 का वेस्टइंडीज ने हासिल किया था
अभी तक टेस्ट क्रिकेट में सबस बड़ा टारगेट 418 रनों का हासिल किया गया है। यह लक्ष्य आस्ट्रेलिया के खिलाफ वेस्टइंडीज ने 2003 में एंटीगुआ टेस्ट में प्राप्त किया था। जहां तक आस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने की बात है तो वह दक्षिण अफ्रीका ने 2008 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 414 रन बनाकर किया था। यूं तो क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है लेकिन फिलहाल सब कुछ पहली पारी में 150 रनों पर सिमटने वाली टीम इंडिया के फेवर में ही नजर आ रहा है।
तीसरा दिन किसी फुल इंटरटेंनमेंट मूवी की तरह
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट के तीसरे दिन का खेल किसी फुल इंटरटेंनमेंट मूवी की तरह ही रहा। इसमें पहली पारी में शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाज के बल्ले से निकला बड़ा शतक और एक ऑफ फॉर्म बल्लेबाज का तमाम आलोचनाओं के बीच साल भर बाद आया 30वें शतक का धमाका तो था ही, साथ में अपनी गेंदबाजी से टेस्ट मैच को बुमराह बनाम आस्ट्रेलिया बना देने वाले कार्यवाहक कप्तान की आग के गोलों की तरह पड़ने वाली गेंदों की दहशत भी थी।
विराट कोहली के शतक ने दी सबसे बड़ी राहत
22 साल के युवा यशस्वी जयसवाल के बल्ले से एक और बड़े शतक के बाद टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी राहत लेकर आया बल्लेबाजी के किंग विराट कोहली का नाबाद शतक। यह शतक सीरीज के अगले चार टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया की बल्लेबाजी को ऑक्सीजन और आस्ट्रेलियाई टीम को वार्निंग दे गया। विराट कोहली ने इस शतक से अपने उन विरोधियों के मुंह सिल दिए जो इस सीरीज के बाद उनका नाम रिटायरमेंट की संभावित सूची वाले खिलाड़ियों में बता रहे थे।
कोहली के टेस्ट कॅरिअर का 30वां शतक, आस्ट्रेलिया में 7वां
कोहली का यह उनके टेस्ट कॅरिअर का 30वां शतक था, जबकि आस्ट्रेलिया की सरजमीं पर उनका यह 7वां शतक था, जो किसी भी भारतीय के लिए एक रिकॉर्ड है। पिछला रिकॉर्ड दिग्गज सचिन तेंदुलकर और विरोट कोहली के नाम संयुक्त रूप से छह-छह शतकों के साथ था। कोहली का पिछला शतक जुलाई 2023 में क्वींस पार्क ओवल में वेस्टइंडीज के खिलाफ आया था। कोहली अब भारत की ओर से चौथे सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।
बुमराह और सिराज ने खड़का दी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी
टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी तीसरे दिन स्टंप्स के समय से कुछ पहले 6 विकेट पर 487 रन बनाकर घोषित कर दी। 46 रनों की लीड पहले ही थी। 534 रन के टारगेट के लिए दूसरी पारी में उतरे मेजबान बल्लेबाज कुछ ओवरों में ही बुमराह-सिराज के कहर से कांप उठे। बुमराह के नैथन मैक्सवीनी को शून्य पर आउट करने के बाद नाइट वाचमैन कप्तान पैट कमिंस (2) को सिराज और फिर मार्नस लाबुशेन (3) को बुमराह ने आउट कर सिर्फ 4.2 ओवर की गेंदबाजी में आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को बुरी तरह खड़का दिया, जबकि इस समय तक बोर्ड पर सिर्फ 12 रन ही लगे थे।
विराट कोहली ने लगाया शतकों का शतक
विराट कोहली ने इस शतक के साथ ही अपने शतकों का शतक पूरा कर लिया है। उन्होंने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट में लगाए गए शतकों की संख्या को सौ तक पहुंचा दिया। हालांकि इंटरनेशनल क्रिकेट में सौ शतक से कोहली अभी 19 शतक पीछे हैं। भारत में ऐसा अभी तक सिर्फ सचिन तेंदुलकर ही कर सके हैं। विराट ने 50 शतक वनडे इंटरनेशनल, 30 टेस्ट शतक, एक टी-20 इंटरनेशनल शतक और 19 शतक घरेलू क्रिकेट में जिसमें 8 आईपीएल, 7 प्रथम श्रेणी क्रिकेट और 4 लिस्ट ए क्रिकेट में लगाए हैं।
43 साल पहले मेलबर्न में भी ऐसी ही एक शाम आई थी
टीम इंडिया जीत की दहलीज पर है। आस्ट्रेलिया क्रिकेट के लिए ऐसी ही एक शाम 43 साल पहले भी आ चुकी है। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ था। 10 फरवरी 1981 को मेलबोर्न टेस्ट में मैच के चौथे दिन शाम को मीडियम पेसर करसन घावरी ने ग्रेग चैपल की आस्ट्रेलियाई टीम को इसी तरह तीन झटके दिए थे जैसे बुमराह ने पर्थ के अटॉप्स स्टेडियम में आज पैट कमिंस के बल्लेबाजों को दिए।
तब करसन घावरी ने दिए थे आस्ट्रेलिया को घाव
तब घावरी ने लगातार दो गेंदों पर जॉन डायसन और कप्तान ग्रेग चैपल के विकेट लिए थे, जबकि दिलीप दोषी ने ग्रीम वुड को पवेलियन लौटाकर सनसनी मचा दी थी। तब आस्ट्रेलिया का स्कोर 24 पर तीन विकेट हो गया था, आज 12 रन पर तीन विकेट है और आज भी आउट होने वाले बल्लेबाजों में आस्ट्रेलिया का कप्तान शामिल है। हां एक फर्क था। इस बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में आस्ट्रेलिया की टीम जीत के लिए 534 रनों का पीछा कर रही है, जबकि चैपल की टीम को सीरीज के तीसरे टेस्ट में जीत के लिए सिर्फ 143 रन बनाने थे।
कपिलदेव ने घायल होने के बावजूद गेंदबाजी कर जीत दिलाई थी
अगले दिन घायल कपिलदेव (28 पर 5) ने क्या बॉलिंग की और भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में कैसे टेस्ट जीता, यह अब इतिहास हो चुका है। इस मैच की पहली पारी में गुंडप्पा विश्वनाथ ने शतक (114) लगाया था। दूसरी पारी में चेतन चौहान ने 85, सुनील गावस्कर ने 70, दिलीप वेंगसरकर ने 41, संदीप पाटिल ने 36 और विश्वनाथ ने 30 रन बनाए थे। उसी मैच की दूसरी पारी में डेनिस लिली की गेंद पर गावस्कर अपने खिलाफ गलत एलबीडब्ल्यू डिसीजन पर चेतन चौहान के साथ वॉकआउट भी कर गए थे। दरअसल वह भारतीय टीम के प्रतिशोध का टेस्ट भी कहा गया था। वह जीत वास्तव में बहुत बड़ी थी।
आस्ट्रेलिया की इस दशा के पीछे ये खिलाड़ी
आस्ट्रेेलिया को उसके ही घर में इस दशा में पहुंचाने के पीछे पहली पारी में बुमराह और हर्षित राणा की गेंदबाजी तो पहली पारी में 150 पर सिमटने के बाद आस्ट्रेलिया को 104 रन पर धराशायी करने के अलावा दूसरी पारी में टीम इंडिया के बल्लेबाजों का जांबाज प्रदर्शन था। यानी यशस्वी जयसवाल (161, तीन छक्के, 15 चौके), विराट कोहली (नाबाद 100, 2 छक्के, 8 चौके), केएल राहुल (77, 5 चौके ), देवदत्त पड्डिकल (24), वाशिंगटन सुंदर (29) और नीतीश राणा (नाबाद 38, दो छक्के, 3 चौके) और फिर तीसरे दिन के खेल के अंतिम मिनटों में बुमराह और सिराज द्वारा चटकाए तीन विकेटों का कमाल है।
विकेट पर खुलने लगीं दरारें, बल्लेबाजी मुश्किल
टीम इंडिया के गेंदबाजों के पास सुबह भी नई गेंद से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को भेदने के मौके मिलेंगे। विकेट पर दरारें दिखने लगी हैं, इसलिए बल्लेबाजी मुश्किल होती जाएगी। विकेट से नैथन लॉयन ने शाम को टर्न भी हासिल की और उनकी कुछ गेंदें काफी नीची भी रहीं। मैक्सवीनी बुमराह की ऐसी ही एक गेंद पर आउट हुए, इसलिए मेजबान बल्लेबाजों को तीसरे दिन आसान विकेट नहीं मिलने जा रहा। लेकिन पहले 25 आोवर तक टीम इंडिया के गेंदबाज जितना फायदा उठा लेंगे मैच उतनी ही जल्दी मन माफिक रिजल्ट के करीब पहुंचेगा।
विराट कोहली ने आज दो बार दिल जीता
मैच के दौरान अंतिम घंटे में जब विराट 70 रनों के ऊपर थे, तब ड्रेसिंग रूम से कुछ और रन जोड़ने के बाद पारी घोषित करने की योजना उन तक पहुंचाई गई। इसके बाद विराट ने अपने शतक की फिक्र किए बिना तेजी से रन बनाने शुरू किए। नीतीश राणा विराट से भी तेज खेल रहे थे। विराट जब 90 पर पहुंच गए तब भी अपने शतक की बजाए टीम हित में तेज बल्लेबाजी का प्रयास करते दिखे। टीम मैनेजमेंट ने भी फिर लम्बे समय बाद आ रहे उनके शतक का इंतजार किया। इसके बाद जब दिन का खेल खत्म हुआ और टीम इंडिया के खिलाड़ी मैदान से बाहर जा रहे थे तो यशस्वी जयसवाल संकोच वश कोहली से पीछे चलने की कोशिश करने लगे। इस पर विराट ने उन्हें धकियाते हुए आगे बढ़कर टीम को लीड करने के लिए कहा, क्योंकि मैच में सबसे बड़ी पारी उन्हीं के बल्ले से निकली थी।