-टीम इंडिया को अभी तक सबसे बड़ा सिर दर्द साबित हुए ट्रैविस हेड का तोड़ निकालना होगा
-मेलबर्न पहुंची टीम इंडिया, विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेलने के लिए अगले दोनों टेस्ट जीतना जरूरी
आस्ट्रेलिया में जब टेस्ट सीरीज होती है तो भारतीय क्रिकेट फैन्स के सोने और जागने का शैड्यूल भी बदल जाता है। पर्थ, एडिलेड, ब्रिस्बेन के बाद 26 दिसम्बर से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए मेलबर्न में खेला जाने वाले बॉक्िंसग डे टेस्ट और जल्दी शुरू होगा। इस मैच के लिए टॉस सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर हो जाएगा, जबकि पहली गेंद इसके ठीक आधे घंटे बाद 5 बजे फेंकी जाएगी। यानि एक बार फिर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को मैच देखने के लिए सुबह जल्दी उठना होगा।
पहले दिन के बाद शेष 4 दिन मैच ठीक 5 बजे शुरू हो जाएगा। सिडनी में खेला जाने वाला सीरीज का पांचवां और अंतिम टेस्ट भी सुबह 5 बजे से ही खेला जाएगा। दोनों टीमों के लिए सीरीज के अगले दोनों टेस्ट काफी महत्वपूर्ण हैं। टीम इंडिया यदि अगले दोनों टेस्ट मैच जीत लेती है तो उसे सीधे विश्व टेस्ट चैम्पियंस के फाइनल में प्रवेश मिल जाएगा। आस्ट्रेलिया भी दोनों टेस्ट जीतकर फाइनल में अपनी जगह पक्की करना चाहेगी।
पर्थ टेस्ट में जीत के बाद से टीम इंडिया का प्रदर्शन लगातार खराब रहा है। उसे पहले टेस्ट में 295 रनों से जीत मिली थी, जबकि एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट में उसे मेजबान टीम ने 10 विकेट से करारी शिकस्त दी थी। ब्रिस्बेन के गाबा में बुधवार को खत्म हुआ तीसरा टेस्ट हालांकि ड्रॉ समाप्त हुआ था लेकिन इसमें भी यदि बारिश ने मैच का ज्यादातर हिस्सा खराब न किया होता तो आस्ट्रेलिया का पलड़ा हर समय भारी नजर आ रहा था।
चौथे टेस्ट के लिए टीम इंडिया गुरुवार को मेलबर्न पहुंच गई है। भारतीय टीम की बल्लेबाजी अभी तक उसके द्वारा खेली गई पांच में चार परियों में संतोष जनक नहीं रही है। खासकर उसका शीर्ष और मध्यक्रम आस्ट्रेलियाई आक्रमण के सामने हर बार घुटने टेकता नजर आया है। केएल राहुल और नीतीश कुमार रेड्डी के अलावा कोई बल्लेबाज अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रख पा रहा है। रोहित शर्मा का स्कोर तो इसी सीरीज में बमुश्किल दो अंकों तक पहुंच पा रहा है। यशस्वी जयसवाल और विराट कोहली के बल्ले भी पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी के बाद खामोश हो चुके हैं।
दूसरी ओर आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज सीरीज जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अपनी फॉर्म में लौट रहे हैं। मेलबर्न में टीम इंडिया ट्रैविस हेड को किस तरह जल्दी पवेलियन लौटाए इस पर अपनी रणनीति तैयार करेगी। हेड पहले तीन टेस्ट मैच में लगातार भारतीय गेंदबाजों के लिए अबूझ पहले बने हुए हैं, इसलिए यदि जीतना है तो भारत के खिलाफ हमेशा अच्छी बल्लेबाजी करने वाले हेड का तोड़ हर हाल में निकालना होगा।
टीम इंडिया का आक्रमण लगभग जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन पर निर्भर होकर रह गया है। रवि चन्द्रन अश्विन के संन्यास के बाद टीम मैनेजमेंट वाशिंगटन सुंदर या रवीन्द्र जडेजा में से किसे प्लेइंग इलेवन में शामिल करता है यह देखने वाली बात होगी। जडेजा ने गाबा टेस्ट में 77 रनों की शानदार पारी खेलकर टीम इंडिया को फॉलोऑन बचाने में मदद की थी, इसलिए उनको बाहर बैठाना आसान नहीं होगा। लेकिन यदि टीम दो स्पिनरों के साथ उतरी है तो एक सीमर को बाहर करना होगा।