चैम्पियंस ट्रॉफी : भारत-न्यूजीलैंड के बीच कांटे के फाइनल के लिए दुबई का स्टेडियम तैयार

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– मैच उसी विकेट पर होगा जिस पर 23 फरवरी को टीम इंडिया ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी
– स्पिन चौकड़ी पर ही होगा भारत का दांव, कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ इसी विकेट पर जड़ा था शतक

दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी के रविवार को खेले जाने वाले फाइनल के लिए स्टेज तैयार हो चुका है। दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। आईसीसी टूर्नामेंट के इस खिताबी मुकाबले की बात की जाए तो लीग मैच में कीवी टीम के खिलाफ 249 रन बनाने के बावजूद जीत हासिल करने वाली टीम इंडिया मनोवैज्ञानिक लाभ की स्थिति में है। लेकिन यह मुकाबला अलग दबाव का होगा। दोनों टीमें एक दूसरे की ताकत से अच्छी तरह वाकिफ हैं, इसलिए उन्हें पता है कि फाइनल में किसी स्तर पर चूक की कोई गुंजाइश नहीं होगी। यह भी बता दें कि यह मैच उसी विकेट पर खेला जाएगा जिस पर भारत ने 23 फरवरी को पाकिस्तान को धूल चटाई थी।

इस विकेट पर यूं तो 250 रनों का स्कोर भी सुरक्षित नजर आता है लेकिन जो भी टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरेगी वह 250 से 275 के बीच का लक्ष्य देने के बाद विपक्षी टीम को भारी दबाव में बिखेर सकती है, इसलिए पहले पावर प्ले में सलामी बल्लेबाजों पर ज्यादा से ज्यादा रन बनाकर आने वाले बल्लेबाजों के लिए जमीन तैयार करने की अहम भूमिका होगी। ऐसे में इस विकेट पर टॉस भी अहम भूमिका निभा सकता है। हालांकि कप्तान रोहित शर्मा टॉस के मामले में काफी अनलकी रहे हैं और उन्होंने लगातार 14 टॉस हारे हैं।

भारत का मजबूत पक्ष स्लो विकेट पर उसके टर्नर हैं। स्पिन चौकड़ी ने पिछले मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है, इसलिए प्लेइंग इलेवन में किसी बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं नजर आ रही है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हार्दिक पांड्या बल्लेबाजी के दौरान थोड़ा तकलीफ में नजर आ रहे थे लेकिन फाइनल से पहले लम्बा गैप मिलने के कारण उनके खेलने पर कोई संशय नजर नहीं आ रहा है। विराट कोहली ने इस विकेट पर पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद शतक जड़ा था। इसके बाद सेमीफाइनल में भी उनके बल्ले से आस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रनों की पारी निकली थी, इसलिए उनकी फॉर्म को देखते हुए भारत काफी राहत महसूस कर सकता है। दूसरी ओर शानदार फॉर्म में चल रहे श्रेयस अय्यर भी लगातार रन बना रहे हैं। केएल राहुल के बल्ले से भी रन निकलने लगे हैं, जबकि अक्षर पटेल, हार्दिक पांड्या ने बल्ले के साथ अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाई है।

भारत की चिन्ता सलामी जोड़ी के अभी तक सेट न हो पाने को लेकर है। फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया अपने सलामी बल्लेबाजों कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल से टीम इंडिया एक अच्छी शुरुआत देने की उम्मीद करेगी। इन दोनों बल्लेबाजों के लिए पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर भी कह चुके हैं कि इनको फाइनल में रन बनाने होंगे। खासकर रोहित शर्मा के लिए उन्होंने कहा है कि छोटे-छोटे स्कोर बनाने की बजाय वह 20 से 25 ओवर तक यदि विकेट पर खड़े रहते हैं तो अकेले दम ही मैच का रुख भारत के पक्ष में करने का दम रखते हैं। रोहित के लिए अच्छी बात यह भी है कि फाइनल जिस विकेट पर खेला जाना है उस पर वह लीग मुकाबले में खेल चुके हैं।

मुकाबले के दो दिन पहले ही यह साफ हो चुका है कि विकेट स्पिनर्स के मददगार होगा। ऐसे में टीम इंडिया का दारोमदार एक बार फिर वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, रवीन्द्र जडेजा और अक्षर पटेल पर ही होगा, जबकि नई गेंद से मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या मोर्चा संभालेंगे। वरुण चक्रवर्ती को लेकर विपक्षी खेमे में हलचल है, जो कि स्वाभाविक भी है। वरुण ने लीग मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ पंजा खोला था। इस युवा स्पिनर की गेंदबाजी कीवी बल्लेबाजों के लिए यदि फिर रहस्य ही बनी रहती है तो भारत इस मुकाबले में मजबूत स्थिति में रहेगा। यह भी याद रखना होगा कि इस विकेट पर पाकिस्तान के खिलाफ चायनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने तीन विकेट लिए थे, इसलिए कीवी बल्लेबाजों के लिए यह गेंदबाज भी खतरा बन सकता है।

इन सब के बावजूद चूंकि न्यूजीलैंड की टीम भी सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करके आ रही है, इसलिए उससे कड़ी चुनौती मिलने की संभावना से कतई इनकार नहीं किया जा सकता। उसके अनुभवी बल्लेबाज केन विलियम्सन ने चैम्पियंस ट्रॉफी के मौजूदा संस्करण में अभी तक शानदार बल्लेबाजी की है। लीग मुकाबले में भी केन ने भारत के खिलाफ बेहतरीन 81 रन बनाए थे। वे स्पिनर्स को खेलने का अच्छा अनुभव रखते हैं, इसलिए भारतीय टीम का पहला लक्ष्य उनको जल्दी पवेलियन लौटाना होगा।

इसके अलावा इस टूर्नामेंट में दो शतक लगा चुके रचिन रवीन्द्र भी भारत के लिए खतरा बन सकते हैं। रचिन आईसीसी टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज भी हैं। उनके नाम सर्वाधिक 5 शतक हैं। न्यूजीलैंड के पास अच्छे स्पिनर्स भी हैं, इसलिए भारत का न्यूजीलैंड से लीग मैच जीतने के बाद भले ही मनोवैज्ञानिक रूप से अपर हैंड नजर आ रहा हो लेकिन तुलनात्मक रूप से देखें तो दोनों टीमें बराबरी पर हैं।

 

 

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