जब वक्त खराब होता है तो अक्सर आपके खिलाफ वे पूर्व क्रिकेटर भी बोलने लगते हैं, जिनका कॅरिअर आपके मुकाबले कहीं न टिकता हो। टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनको और कप्तान रोहित शर्मा को न्यूजीलैंड से अपने घर पर 0-3 से सीरीज हार जाने के बाद से क्या कुछ नहीं सुनने को मिल रहा है। लोगों की आलोचनाओं से ऐसा लग रहा है जैसे कि गंभीर और रोहित ने अपने खिलाड़ियों को कीवी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने से रोक दिया था। आस्ट्रेलिया के महत्वपूर्ण और कठिन दौरे से पहले ही इन दोनों पर इतना दबाव बना दिया गया है कि इनकी बॉडी लेंग्वेज ही बदल गई है।
इन आलोचनाओं का असर भविष्य के प्रदर्शन पर भी पड़ सकता
कभी खबर आती है कि आस्ट्रेलिया दौरे पर प्रदर्शन के आधार पर चार बड़े खिलाड़ियों विराट कोहली, रोहित शर्मा, आर अश्विन और रविन्द्र जडेजा के भविष्य के बारे में फैसला लिया जा सकता है। तो कभी खबर आती है कि आस्ट्रेलिया दौरे के बाद तय हो जाएगा कि गौतम गंभीर रेड बॉल क्रिकेट में कोच रहेंगे या नहीं। यह सोचने की भी जहमत नहीं उठाई जा रही कि एक सीरीज में हार के बाद कप्तान और कोच पर बनाए जाने वाले दबाव का असर टीम इंडिया के भविष्य के प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है।
ऐसा ही रहा था कोई नहीं तैयार होगा कोच बनने को
बीसीसीआई को भारतीय टीम का कोच ढूंढने में पहले ही काफी मुश्किल होती थी, क्योंकि इस टीम के नखरे उठाने के लिए कोई पूर्व भारतीय खिलाड़ी कोच की भूमिका निभाने को तैयार नहीं होता है और विदेशी कोच के सख्त अनुशासन को टीम इंडिया के खिलाड़ी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। ग्रेग चैपल के मामले में यह देखा भी जा चुका है। साफ है कि आगे यह दिक्कत और बढ़ने वाली है। सोशल मीडिया में कोच और कप्तान की आलोचना के बीच अब पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर भी अपने विवादित बयानों की सीरीज में एक नया शगूफा छोड़ देते हैं।
गौतम गंभीर पर क्या बोले संजय मांजरेकर
संजय मांजरेकर ने कोच गौतम गंभीर की पीसी देखने के बाद एक्स पर कहा “ बीसीसीआई के लिए बेहतर यही होगा कि गंभीर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने ना भेजा जाए। उनका मीडिया के साथ बात करने का ना तो आचरण सही होता है और ना ही उनके शब्दों का विकल्प अच्छा होता है, रोहित शर्मा और अजीत अगरकर बेहतर ढंग से मीडिया के समक्ष बात कर पाते हैं।”
जरा अपने गिरेबां में भी झांक लेते मांजरेकर
गंभीर के व्यवहार और शब्दों पर टिप्पणी करने से पहले मांजरेकर को अपने गिरेबां में तो झांक कर देख लेना चाहिए। गंभीर ने 58 टेस्ट मैचों में 41.96 की औसत से 4154 रन बनाए हैं, जिसमें नौ शतक और 22 अर्द्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा 147 वन डे में 39.68 के औसत और 85.25 के स्ट्राइक रेट से 5238 रन बनाए हैं। इसमें 11 शतक और 34 अर्द्धशतक शामिल हैं। गंभीर पर टिप्पणी करने वाले संजय मांजरेकर ने 37 टेस्ट मैचों में 37.14 के औसत से 2043 रन बनाए हैं, जिसमें चार शतक और नौ अर्द्धशतक शामिल हैं। मांजरेकर ने 74 वन डे में सिर्फ एक शतक और 15 अर्द्धशतक लगाते हुए 1994 रन ही बनाए हैं। विकेटों के बीच उनकी दौड़ कितनी कमजोर होती थी यह तो सभी जानते हैं। खुद न जाने कितनी बार रन आउट हुए और कई दिग्गज उनके कारण भी रन आउट हुए।
विवादित टिप्पणियों पर नप भी चुके हैं मांजरेकर
अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर कभी सचिन तेंदुलकर पर विवादित टिप्पणी किया करते थे, कभी रविन्द्र जडेजा, तो कभी कोहली और बुमराह। 2020 में उन्हें ऐसी ही एक टिप्पणी के चलते बीसीसीआई ने कमेंट्री पैनल से बाहर कर दिया था। लेकिन वापसी के बाद भी वह अपनी आदत से बाज नहीं आए। मजेदार बात यह है कि इन बड़े क्रिकेटरों का कॅरिअर मांजरेकर से कहीं लम्बा और सफल रहा है।
“नॉर्थ के खिलाड़ियों की तरफ मेरा ज्यादा ध्यान नहीं है”
इसी साल अक्टूबर में जब भारतीय टीम की कोचिंग इकाई के बारे में बात चल रही थी और मांजरेकर के साथी कमेंटेटर पंजाब के पूर्व खिलाड़ी मुनीश बाली के बारे में बात कर रहे थे, तो उन्होंने कहा कि वह उन्हें पहचान नहीं पाए। मांजरेकर ने कहा,“माफ कीजिए, मैं उन्हें पहचान नहीं पाया। नॉर्थ के खिलाड़ियों की तरफ से मेरा ज्यादा ध्यान नहीं होता।”
जडेजा पर भी कर चुके हैं विवादित टिप्पणी
मांजरेकर इससे पहले रवींद्र जडेजा पर की गई टिप्पणी के लिए भी विवादों में घिर चुके हैं। दरअसल भारत और बांग्लादेश के बीच टी20 विश्व कप के एक अभ्यास मैच में संजय मांजरेकर के रवींद्र जडेजा को लेकर किए गए एक बयान से विवाद खड़ा हो गया था। बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में जब सूर्यकुमार यादव का विकेट गिरा तो जडेजा बल्लेबाजी करने के लिए आए। जडेजा ने पहली गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन वो चूक गए और लिटन दास ने स्टंपिंग कर दी। जिसके बाद फैसले के लिए अंपायर ने थर्ड अंपायर का रुख किया था. जब थर्ड अंपायर ने रीप्ले में कई एंगल से देखा और उनको आउट देने के लिए पूरा सबूत नहीं मिल सका, जिसका फायदा जडेजा को मिला और उनको नॉट आउट करार दे दिया गया। इसी बीच संजय मांजरेकर ने कहा कि यहां से देखने पर तो ये आउट लग रहा है, लेकिन जडेजा बैंटिग कर रहे हैं तो इसलिए मुझे चुप रहना चाहिए।
जडेजा को पहले भी टारगेट कर चुके मांजरेकर
पूर्व क्रिकेटर ने इंग्लैंड और वेल्स में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप के दौरान भी जडेजा की आलोचना की थी। उन्होंने जडेजा को ‘टुकड़ों’ में प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी कहा था। इस पर जडेजा ने भी जवाब दिया था। तब इस ऑलराउंडर ने लिखा था, “मैंने आपसे दोगुने मैच खेले हैं और मैं अभी भी खेल रहा हूं। जिन लोगों ने कुछ हासिल किया है, उनका सम्मान करना सीखें। मैंने आपके वर्बल डायरिया के बारे में सुना।”
साथी कमेंटेटर हर्षा भोगले तक को नहीं बख्शा
मांजरेकर ने कोलकाता में भारत-बांग्लादेश के बीच खेले गए पहले पिंक बॉल टेस्ट के दौरान साथी कमेंटेटर हर्षा भोगले से कहा था “आपने क्रिकेट नहीं खेली है, सिर्फ क्रिकेट खेलने वाले ही मैदान पर चल रही चीजों के बारे में बात कर सकते हैं।” खुशमिजाज हर्षा भोगले उनकी इस तुच्छ टिप्पणी पर सन्न रह गए थे लेकिन उन्होंने उसे हंस कर टाल दिया।
मुरली विजय भी बन चुके हैं निशाना
कमेंट्री के दौरान कौन से बल्लेबाज का कनवर्जन रेट (पचास रन को शतक में तबदील करना) बेहतर है, की एक लिस्ट में मुरली विजय सबसे ऊपर नजर आए। इसके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन, पॉली उमरीगर, रोहित शर्मा और विराट कोहली के नाम थे। लिस्ट में मुरली विजय का नाम शामिल होने पर संजय ने कहा, मुझे तो मुरली विजय का नाम इस तरह की लिस्ट में देखकर हैरानी हुई। इसके बाद संजय ने कहा, “मुरली विजय का करियर बेहद शानदार रहा. लोग शायद मुरली विजय द्वारा किए गए प्रदर्शन को भूल गए हैं।”