गाबा में भी बल्लेबाजों को मुरव्वत नहीं, तेज और उछाल वाली विकेट पर फिर होगी टीम इंडिया की कड़ी परीक्षा

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-14 दिसम्बर से खेला जाएगा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट मैच, दोनों टीमें सीरीज में 1-1 की बराबरी पर हैं
– पर्थ में पहला टेस्ट टीम इंडिया और एडिलेड में खेला गया दूसरा मैच आस्ट्रेलिया ने जीता था

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट 14 दिसम्बर से ब्रिसबेन के गाबा में खेला जाएगा। सीरीज में 1-1 की बराबरी पर चल रही दोनों टीमों ने सीरीज में दिलचस्पी बढ़ा दी है। पर्थ के अटॉप्स स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में यशस्वी जयसवाल और विराट कोहली के शतकों और प्लेयर ऑफ द मैच जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से बुरी तरह रौंद कर सीरीज में 1-0 की बढ़त ली थी। लेकिन इसके बाद एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने जबरदस्त पलटवार करते हुए टीम इंडिया को 10 विकेट से हरा कर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली थी। अब 14 दिसम्बर से सीरीज का तीसरा टेस्ट ब्रिसबेन के गाबा में होना है। विश्व चैम्पियनशिप का फाइनल खेलने के लिए दोनों टीमें अब हम मुकाबला जीतने की जी तोड़ कोशिश करेंगी।

भारत गाबा में अपनी पिछली कामयाबी दोहराना चाहेगा

गाबा की पिच से गेंदबाजों को तेज गति और उछाल मिलने की उम्मीद है। भारत ने अपने पिछले दौरे पर गाबा में शानदार जीत दर्ज की थी। आस्ट्रेलिया अपने इस मैदान पर अब अपराजेय नहीं रहा है। उसे पिछले दौरे में भारत और फिर वेस्टइंडीज के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी है। भारत ने अपने पिछले दौरा में रिषभ पंत की बेहतरीन बल्लेबाजी से गाबा टेस्ट में जीत हासिल की थी।

‘क्रिकेट.कॉम.एयू’ ने शनिवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले गाबा के क्यूरेटर डेविड सैंडर्सकी के हवाले से कहा कि यह थोड़ी अलग पिच हो सकती है। उन्होंने कहा पिच में सभी के लिए कुछ ना कुछ होगा। सैंडर्सकी ने कहा कि आम तौर पर हम अब भी पिच को हर बार ठीक उसी तरह से तैयार करते हैं ताकि हम वह अच्छी गति और उछाल प्राप्त कर सकें जिसके लिए गाबा को जाना जाता है। हम बस हर साल की तरह गाबा का पारंपरिक विकेट बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि इसमें सभी के लिए कुछ ना कुछ होगा।

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