डर : दर्शक सीटों पर कूदे तो ढह सकती है ग्रीनपार्क की सी बालकनी

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कानपुर। भारत और बांग्लादेश के बीच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में होने वाले दूसरे टेस्ट से ठीक पहले उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने एक स्टैंड को खतरनाक घोषित कर दिया है। पीब्ल्यूडी अधिकारियों को फाइनल निरीक्षण के बाद लगा कि मैच के दौरान सी बालकनी का ढांचा स्टैंड की पूरी क्षमता का भार नहीं उठा पाएगा और कभी भी नीचे गिर सकता है।

बालकनी सी स्टैंड की आधी से भी कम क्षमता टेस्ट के दौरान बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। यूपीसीए पदाधिकारी ने कहा कि हमें स्टैंड के लिए केवल 1700 टिकट बेचने के लिए कहा गया है, जिसकी क्षमता 4,800 है। मरम्मत का काम अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा इंजीनियरों के एक समूह ने बालकनी सी स्टैंड पर करीब छह घंटे बिताए। उन्होंने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) को शुक्रवार से शुरू होने वाले मैच के दौरान स्टैंड बंद करने की चेतावनी दी है।

एक इंजीनियर ने कहा कि यह स्टैंड 50 प्रशंसकों का भी वजन नहीं उठा पाएगा, अगर वे बल्लेबाजों के छक्का मारने और गेंदबाजों विकेट लेने के बाद कूदने लगे तो खतरा उत्पन्न हो जाएगा। स्टेडियम के इस हिस्से को मरम्मत की सख्त जरूरत है। शाम 5 बजे जब कर्मचारी स्टैंड से चले गए, तो दोनों पक्षों – पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और यूपीसीए अधिकारियों ने स्टैंड के पास एक बैठक की और इस बात पर सहमत हुए कि जैसा इंजीनियरों ने कहा है वैसा ही किया जाएगा, क्योंकि बालकनी पूरी क्षमता तक भार उठाने में सक्षम नहीं।

एक यूपीसीए पदाधिकारी ने कहा कि यह स्टेडियम सीधे तौर पर यूपीसीए के अधीन नहीं है, और हमारे पास इसे तैयार करने के लिए मैच से पहले 40 दिनों की स्पष्ट विंडो है। हमने इस महत्वपूर्ण विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) मैच से पहले सब कुछ बरकरार रखने की पूरी कोशिश की है।

सच तो यह है कि ग्रीनपार्क स्टेडियम का स्वामित्व उत्तर प्रदेश सरकार के खेल विभाग के पास है और हाल के वर्षों में इस स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मुकाबले मिले ही नहीं। इसका एक मुख्य कारण लखनऊ में हाल ही में निर्मित भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी एकाना क्रिकेट स्टेडियम है, जिसमें बेहतर सुविधाएं हैं और यूपीसीए भी वहीं से संचालित होता है।

अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी न मिलने की तजह से विश्व के इस सबसे पुराने स्टेडियम की मेंन्टेंस का कार्य भी नहीं हुआ। सी बालकनी का क्षतिग्रस्त होने की भी यही वजह है। देश के परमानेंट टेस्ट सेंटरों में एक ग्रीनपार्क स्टेडियम पिछले कुछ सालों से दर्शकों का इंतजार कर रहा है। पिछला टेस्ट यहां तीन साल पहले हुआ था।

कानपुर को टेस्ट की मेजबानी न मिलने की एक बड़ी वजह यहां एक भी फाइव स्टार होटल न होना और इंटरनेशनल एयरपोर्ट न होना भी माना जाता है। हालांकि ग्रीनपार्क की सेहत का न तो खेल विभाग ने ध्यान रखा और न ही यूपीसीए ने।

 

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