नयी दिल्ली – रेलवे बोर्ड ने रेल यात्रा के लिए अग्रिम आरक्षण अवधि को मौजूदा 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया है, तथा लंबे समय पहले आरक्षण कराने पर रद्दीकरण की उच्च दर और बर्थ खाली रहने का हवाला देते हुए अपने निर्णय को उचित ठहराया है। बोर्ड ने 2015 में अग्रिम आरक्षण अवधि को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने का निर्णय लिया था लेकिन बृहस्पतिवार को उसने फैसले को बदल दिया।
नयी अवधि एक नवंबर से प्रभाव में आएगी। रेलवे बोर्ड के एक वक्तव्य के अनुसार, ‘‘रेलवे की अग्रिम आरक्षण अवधि में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं। अग्रिम आरक्षण अवधि 30 दिन से लेकर 120 दिन तक रही है। विभिन्न अवधियों के अनुभव के आधार पर, यात्रियों की दृष्टि से 60 दिन की अग्रिम आरक्षण अवधि को इष्टतम अवधि माना गया है।’’
बोर्ड ने एक तालिका प्रस्तुत करते हुए यह भी बताया कि अप्रैल 1981 से लेकर एक अप्रैल 2015 तक 12 बार अग्रिम आरक्षण अवधि को 120 दिन तथा 30 दिन के बीच बढ़ाने या घटाने के फैसले लिए गए। बोर्ड ने 60 दिन की आरक्षण अवधि का लाभ गिनाते हुए कहा कि किसी यात्रा की योजना के लिहाज से 120 दिन की अवधि बहुत लंबी है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में रद्दीकरण होते हैं और यात्रियों के नहीं आने से सीट या बर्थ खाली रह जाती हैं।