ग्रीनपार्क टेस्ट : बरखा रानी अब झूम के न बरसना

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संजीव मिश्र। कानपुर। चेन्नई टेस्ट के दो दिन खत्म हो चुके हैं। इसके साथ ही ग्रीनपार्क टेस्ट की तैयारियों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। बारिश की किसी भी आशंका से निपटने के लिए ग्राउंड्स और विकेट कवर दिल्ली से मंगवा लिए गए हैं। लेकिन आयोजन समिति यही मना रही है कि ‘बरखा रानी मैच हो जाने देना और अब झूम के न बरसना।’

‘ग्रीनपार्क में भारत और बांग्लादेश की टीमों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। हम अपने दर्शकों की सुविधा का भी उतना ही ख्याल रखेंगे, जितना दोनों टीमों का।’ यह वादा कर रहे हैं भारत-बांग्लादेश के बीच 27 सितम्बर से खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए होने वाले इंतजामों को लेकर इस मैच के वैन्य डायरेक्टर डॉ. संजय कपूर।

जहां तक दोनों टीमों के मुकाबले के रोमांच की बात है तो चेन्नई में भारत इस समय काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। बांग्लादेश को चौथी पारी कितने बड़े लक्ष्य का पीछा करना होगा और वह किस तरह मैच में वापसी की कोशिश करेगी, इसी पर दूसरे टेस्ट का रोमांच भी निर्भर करेगा।

हालांकि एक सच यह भी है कि चेन्नई टेस्ट के परिणाम का दूसरे व अंतिम टेस्ट की दर्शकों की संख्या पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि कानपुर में लगभग तीन साल बाद कोई टेस्ट मैच खेला जाएगा, इसलिए दर्शक इस मैच को हरहाल में देखना चाहेंगे। पिच कैसा व्यवहार करती है यह तो मैच के दौरान ही पूरी तरह साफ हो पाएगा लेकिन क्यूरेटरों की टीम यहां से रिजल्ट मिलने का दावा कर रही है।

पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने इस मैच की सुरक्षा के लिए पुख्ता रणनीति तैयार की है। शुक्रवार को बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला की मां के निधन पर उनको श्रद्धांजलि देने के बाद वह यूपीसीए निदेशक प्रेम मनोहर गुप्ता व अन्य पदाधिकारियों के साथ मैच को लेकर ही चर्चा करते दिखे।

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