जेम्स एंडरसन कैसे छूट गए? एलएसजी के लिए तो लॉटरी साबित हो सकता था इंग्लैंड का पूर्व स्पीड स्टार

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सऊदी अरब के जेद्दा शहर में दो दिन चले आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में फ्रैंचाइजियों की नजर से सबसे बड़ा नाम कैसे छूट गया, जबकि यह खिलाड़ी जिस भी टीम के साथ जुड़ता उसका नाम चमक सकता था। दो दिनों में किसी को इस खिलाड़ी की याद नहीं आई या उस पर बोली न लगने की कोई और वजह रही, समझ में नहीं आया। यह खिलाड़ी है इंग्लैंड का पूर्व महान फास्ट बॉलर जेम्स एंडरसन।

एंडरसन ने जब तक इंग्लैंड के लिए सक्रिय क्रिकेट खेला, कभी भी आईपीएल के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया। लेकिन यह पहला मौका था, जब उन्होंने खुद का 1.25 करोड़ का बेस प्राइज रखते हुए आईपीएल में आगाज करने का फैसला लिया था। लेकिन दुर्भाग्य से फ्रैंचाइजियों ने इस गेंदबाज पर ध्यान ही नहीं दिया, जबकि यह गेंदबाज जिस भी टीम के साथ जुड़ता उसे उसके अनुभव का फायदा तो मिलता ही साथ ही गेंदबाजी में भी धार आ जाती।

लखनऊ सुपर जॉयंट्स के लिए एंडरसन खास खिलाड़ी भी बन सकते थे, क्योंकि कहा जा रहा है कि इस टीम के गेंदबाजी पक्ष को और मजबूत किया जा सकता था, खासकर मयंक यादव की अक्सर होने वाली फिटनेस प्रॉब्लम को देखते हुए। मयंक यदि फिट रहकर पूरा सीजन खेलते तो भी उस स्थिति में एंडरसन की एलएसजी की टीम में मौजूदगी सोने पर सुहागा साबित बन सकती थी। संभव है कि फ्रैंचाइजियों ने 42 साल की उम्र को देखते हुए इंग्लैंड के इस महान गेंदबाज को लेने में रुचि न दिखाई हो। लेकिन कुछ ऐसे गेंदबाजों पर भी बोली लगाई गई है, जो इस गेंदबाज की परछाई भी नहीं कहे जा सकते हैं। 6.2 फीट लम्बे, 704 टेस्ट और 269 वन डे विकेट लेने वाले एंडरसन ने सिर्फ 19 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 18 विकेट हैं। वह आईपीएल में खेलने को काफी उत्सुक भी थे। लेकिन शायद उनकी बढ़ती उम्र आड़े आ गई।

न्यूजीलैंड के केन विलियम्सन भी ऐसे ही एक बड़े खिलाड़ी हैं, जिन पर इस बार बोली नहीं लगाई गई। केन पर किसी के रुचि न दिखाने के पीछे की वजह तो समझ में आती है। केन ने पिछले दो सीजन में सिर्फ तीन ही मैच खेले थे। उनके साथ अक्सर इंजरी की समस्या हो जाती है। पिछले दिनों न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने जो घरेलू सीरीज खेली थी उसमें भी इंजरी के चलते केन तीन में से एक भी टेस्ट नहीं खेल पाए थे। सरफराज खान और पृथ्वी शॉ को न चुने जाने की वजह शायद उनकी फिटनेस हो सकती है। पृथ्वी शॉ काफी टैलेंटेड प्लेयर हैं लेकिन उन्होंने जिस अंदाज में कॅरिअर की शुरुआत की थी उसे वह बरकरार नहीं रख सके।

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