-नेट बॉलर के रूप में भी जीशान अंसारी चयनकर्ताओं की अंतिम पसंद रहे
– चीफ सलेक्टर प्रवीण कुमार भी यूपीसीए के पुराने ढर्रे को फॉलो कर रहे
कानपुर। प्रवीन कुमार ने सीनियर चयनसमिति का चीफ सेलेक्टर बनाए जाने पर कहा था कि वे यूपी क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे लेकिन उनके पहले सलेक्शन में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए घोषित टीम पुराने ढर्रे पर ही चुनी गई है। हां उनके आने से यूपीसीए की एक लॉबी जरूर मजबूत हो गई। पीके समर्थकों तक जब यह टीम पहुंचेगी तो उनको काफी निराश होना पड़ेगा। इस टीम में एक बेहतरीन गुगली गेंदबाज की पूरी तरह से अनदेखी कर दी गई है।
रेड बॉल क्रिकेट के ही अधिकांश खिलाड़ी टी-20 में भी
सोमवार को टीम इंडिया के पूर्व स्टार भुवनेश्वर कुमार के नेतृत्व में यूपी की टीम घोषित कर दी गई। घोषित टीम में रणजी ट्रॉफी के पहले चरण के पांच मैच में खेले अधिकांश खिलाड़ी ही नजर आए। यानि रेड बॉल क्रिकेट खेलने वाले ही एक हफ्ते बाद इंस्टेंट क्रिकेट भी खेलते दिखेंगे। व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए अलग टीम बनती तो यूपी के ज्यादा टैलेंट को मौका मिल पाता।
चयनसमिति के एडवाइजर बन गए यस मैन!
चयनकर्ताओं ने जीशान अंसारी पर वेटरन लेग स्पिनर पीयूष चावला को तरजीह दी। हैरानी इस बात की है कि इस चयन पर प्रवीन कुमार और आशीष विंस्टन जैदी जैसे यूपी के पूर्व दिग्गजों के अलावा सलेक्शन कमेटी के एडवाइजर और क्रिकेट की अच्छी समझ रखने वाले गोपाल शर्मा ने भी मुहर लगा दी। पूर्व टेस्ट खिलाड़ी गोपाल शर्मा के बारे में कहा जाता था कि इनकी अनुभवी निगाहों से कोई टैलेंट छूट नहीं सकता। लेकिन इस बार क्या हुआ?
टी-20 लीग का चैम्पियन गेंदबाज करवाएगा नेट प्रैक्टिस
चौंकाने वाली बात यह है कि यूपी टी-20 लीग में मेरठ मावेरिक्स के लिए 24 विकेट लेकर पर्पल कैप हासिल करने वाले लेग स्पिनर जीशान अंसारी अब यूपी टीम के बल्लेबाजों को नेट पर सिर्फ क्वालिटी प्रैक्टिस ही करवाएंगे। और तो और जीशान चयनकर्ताओं की नेट बॉलर की सूची में भी अंतिम पसंद ही थे। पीयूष चावला का इंटरनेशनल क्रिकेट कॅरिअर अब बचा नहीं है ऐसे में एक युवा गेंदबाज के टैलेंट की हत्या कर उनको आगे बढ़ाने की क्या वजह हो सकती है।
ताकि आईपीएल फ्रैंचाइजियों का ध्यान चावला पर पड़ सके
आईपीएल में ऑक्शन से पहले स्टेट टीम में मौका देने का सीधा सा मतलब यह निकल रहा है कि यूपीसीए की सलेक्शन कमेटी यूपी क्रिकेट के हित से ज्यादा अपने पूर्व साथी क्रिकेटर के हित को देख रही है। फ्रैंचाइजियों को शायद यह संदेश देना चाह रही है कि पीयूष चावला अभी भी अपने राज्य के लिए उपयोगी गेंदबाज हैं, उनकी अनदेखी न करें।
क्या कहानी चल रही है समझा जा सकता है
हालांकि यह भी तय नहीं है कि इस वेटरन गेंदबाज को मुश्ताक अली ट्रॉफी के कितने मैचों की अंतिम एकादश में जगह दी जाएगी। रणजी में उनको एक मैच के लिए लाया गया। केरल के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में शामिल कर इकाना में कर्नाटक के खिलाफ अहम मुकाबले में ड्रॉप कर दिया गया था। संभव है पहले मुकाबले में उनको मौका देने के बाद बाकी मैचों से बाहर रखा जाए और नेट बॉलर जीशान को रिप्लेस किया जाए। अब यह क्या कहानी चल रही है आसानी से समझ में आ सकता है।
सुधारना पड़ सकता है चयन समिति को अपना फैसला
संभव है यह निर्णय चयन समिति को सुधारना पड़े यानि जो टीम दिख रही है मैचों के दौरान वैसी न रहे और जीशान अंसारी भी टूर्नामेंट के दौरान खेलते नजर आएं। यूपीसीए ने 19 खिलाड़ियों की जम्बो सूची जारी की है, जबकि 15 खिलाड़ियों की टीम ही चुनी जाती है। इसके साथ ही छह नेट बॉलर के नाम भी डाले गए हैं। इससे साफ है कि सभी 25 खिलाड़ी टीम के साथ ही सफर करेंगे और 15 के बाद के खिलाड़ियों का खर्च यूपीसीए को उठाना पड़ेगा।
यूपी टीम में खेल रहे हैं कुछ बाहरी खिलाड़ी
यूपी टीम बाहरी खिलाड़ियों से कब मुक्त होगी यह भी एक बड़ा सवाल है। यहां भरपूर टैलेंट होने और उन्हें मौका न मिल पाने की शिकायत के साथ लम्बे समय से दो या तीन टीमें बनाने की मांग उठाई जा रही है। इसके बावजूद यूपी टीम में बाहरी खिलाड़ियों की इन्ट्री चयन समितियों पर संदेह पैदा करवाती है। इस टीम में भी बाहरी खिलाड़ियों को जगह दी गई है। जब आप अपने खिलाड़ियों को मौका ही नहीं देंगे तो वे कैसे टीम में अपनी जगह पुख्ता करेंगे।
ऐसे पर आप पर उंगलियां तो उठेंगी ही
यूपी ने पांच रणजी मैचों के दौरान लगभग हर मैच में अपनी टीम बदली थी। किसी प्लेइंग इलेवन में तीन तो किसी में चार और कर्नाटक के खिलाफ तो पांच खिलाड़ी बदल डाले। इस नीति से आप टीम में कभी स्थायित्व तो ला ही नहीं सकते। हां आप पर कुछ खिलाड़ियों का टूर्नामेंट से पहले ही कोटा फिक्स करने के आरोप जरूर लग सकते हैं।