– रणजी में रोहित शर्मा ने 3, यशस्वी जयसवाल ने 4, रिषभ पंत ने 1, शुभमन गिल ने 4 और श्रेयस अय्यर ने 11 रन बनाए
-सिर्फ रवीन्द्र जडेजा ने किया शानदार प्रदर्शन, पंजा खोलने के अलावा 39 रन भी बनाए
बेबाक। संजीव मिश्र
तुम डाल डाल तो हम भी पात पात। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कोच गौतम गंभीर की सलाह पर जब घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया तो स्टार कल्चर के आदी हो चुके खिलाड़ियों से खाली पड़े स्टेडियम में परफार्मेंस भला कैसे हो। वे तो हजारों फैंस के सामने ही खेलने के अभ्यस्त हो चुके हैं। रणजी मुकाबलों के दौरान न तो उन्हें अपने स्तर का ड्रेसिंग रूम मिलता है और न ही वो वीवीआईपी कल्चर वाली तवज्जो। दूसरे चरण में रणजी ट्रॉफी में जबरन भेजे गए स्टार खिलाड़ियों का पहली पारी में किया गया खराब प्रदर्शन तो यही बता रहा है कि उन्हें बीसीसीआई का यह नियम कतई पसंद नहीं आया है।
गुरुवार से शुरू हुए रणजी ट्रॉफी के दूसरे चरण में फॉर्म तलाशने के लिए भेजे गए टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा, यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, रिषभ पंत जैसे बड़े नाम वाले खिलाड़ियों का अपने-अपने राज्यों की टीमों से खेलते हुए प्रदर्शन निम्न स्तरीय रहा। सिफ रवीन्द्र जडेजा ही एकमात्र ऐसे स्टार खिलाड़ी रहे जिन्होंने बल्ले और गेंद के साथ शानदार प्रदर्शन किया। रोहित शर्मा ने सिर्फ तीन, यशस्वी जयसवाल ने 4, रिषभ पंत ने 1, शुभमन गिल ने 4 और श्रेयस अय्यर ने 11 रन बनाए।
यदि अगली पारी और फिर अगले मैच में भी इनका यही प्रदर्शन जारी रहता है तो बीसीसीआई के चयनकर्ताओं के पास दो ही रास्ते हैं, पहला वे इस नियम को वापस लें और दूसरा यह कि रणजी के प्रदर्शन को ही जून में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए चयन का पैमाना मान लें और इन्हें बाहर करने की हिम्मत दिखाएं। लेकिन यह उनके लिए संभव नहीं है क्योंकि इन खिलाड़ियों में यशस्वी, गिल, पंत जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं। हालांकि यह सीरीज पांच महीने बाद होनी है और इतनें दिनों में बहुत कुछ बदल जाता है। ऐसे में बीसीसीआई के नये नियम की उम्र बहुत लम्बी नही दिख रही।
टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी रवींद्र जडेजा ने रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के खिलाफ मुकाबले में अपनी टीम सौराष्ट्र के लिए 17.4 ओवर्स में 66 रन देकर 5 विकेट झटक चयनकर्ताओं को बताया कि अभी उनमें काफी दम बाकी है। इसके साथ ही उन्होंने रणजी ट्रॉफी में अपने 200 विकेट भी पूरे किए। रवींद्र जडेजा अब रणजी ट्रॉफी के इतिहास में 20वें ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने 3000 से अधिक रन बनाने के साथ 200 विकेट भी हासिल किए हैं। जडेजा की बेहतरीन गेंदबाजी से सौराष्ट्र ने दिल्ली की पहली पारी को सिर्फ 188 के स्कोर पर समेट दिया। दिल्ली के लिए रिषभ पंत के बल्ले से सिर्फ एक रन ही निकला। इसके बाद जडेजा ने बल्ले से भी अपनी टीम को 38 रनों का योगदान किया।
यदि दूसरी पारी में भी इन खिलाड़ियों को यही प्रदर्शन रहता है तो एक बात साफ हो जाएगी कि टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ियों को बीसीसीआई की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने का जो निर्देश जारी किया गया है, वे उसके पक्ष में नहीं हैं। वैसे भी रोहित शर्मा ने मुख्य चयनकर्ता के साथ चैम्पियंस ट्रॉफी की टीम एनाउंस करते समय गलती से या जानबूझकर ऑन माइक पर उन्हें बता दिया था कि बीसीसीआई के कुछ नियमों से टीम इंडिया के खिलाड़ी असहज हैं और उनके पास लगातार खिलाड़ियों के इस बारे में फोन आ रहे हैं।