केपीएल की शुरुआत के साथ कानपुर क्रिकेट ने बदली करवट

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-2 मार्च 2025 को लिखी गई कानपुर क्रिकेट की नई इबारत
-केपीएल ने जगा दी हजारों क्रिकेटरों के कॅरिअर को उड़ान देने की उम्मीदें

कानपुर। कहते हैं कि सपने ही देखने हैं तो बड़े देखिए या लक्ष्य बड़ा चुनिए। शहर के उन खिलाड़ियों के सपनों को मुकाम तक पहुंचाने के लिए एक बड़े लक्ष्य के साथ कानपुर प्रीमियर लीग के सीजन वन का आगाज हो चुका है। 2 मार्च 2025, इस तारीख को याद रखियेगा। यह तारीख कानपुर के क्रिकेट में एक नई इबारत लिख गई है। इस दिन को ग्रीन पार्क स्टेडियम में शहर की पहली बड़ी क्रिकेट लीग शुरू करने के लिए ही याद नहीं किया जाएगा, बल्कि इसलिए भी यह तारीख याद की जाएगी क्योंकि इस दिन कानपुर और उसके आस-पास की प्रतिभाओं की कॅरिअर की कुंडली भी तैयार की गई थी। यह लीग कुछ सालों में ही प्रतिभाशाली खिलाड़ियोंंका एक खूबसूरत गुलिस्तां बनकर महकेगी।

इस लीग की कल्पना को साकार रूप देने वाले केसीए चेयरमैन डॉ. संजय कपूर ने पहले प्रयास से ही यह संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है कि इस लीग के गर्भ में संभावनाओं का वो विस्तार छिपा है जिसका कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता। कभी ललित मोदी ने जब आईपीएल को लांच किया था तब नहीं सोचा सोचा था कि यह लीग टीम इंडिया के लिए नगीनों का ढेर लगा देगी। उम्मीद है कि केपीएल भी शहर भर में बिखरे टैलेंट के लिए एक शो प्लेटफॉर्म बनकर उनके सपनों को पूरा करने की गारंटी साबित होगी।

इस शहर में दस हजार से ज्यादा क्रिकेटर हैं लेकिन उनके टैलेंट को देखने वाली पारखी निगाहें नहीं थीं। यूपी की विभिन्न टीमों के लिए हजारों की भीड़ में प्रतिभाएं अक्सर ट्रायल देने के बाद खो जाती थीं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इन खिलाड़ियों के लिए केपीएल रन वे पर दौड़ती एक ऐसी फ्लाइट बनने जा रही है जो वाया यूपीपीएल उनको आईपीएल के बेस प्वाइंट तक छोड़ेगी, बस आप में उस रफ्तार में सफर करने की क्षमता होनी चाहिए।

इस लीग के जन्मदाता डॉ. संजय कपूर कहते हैं कि जब बड़े-बड़े खिलाड़ियों को देखता हूं तो लगता है कि मैं भी कुछ कर सकता था लेकिन मैं जब खेलता था तब आईपीएल नहीं था। मुझे ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिल सका, क्योंकि मैंने जल्दी काम संभाल लिया था। जब 18 साल का था तभी काम करने लगा था लेकिन इसका अफसोस नहीं। मैं अब दूसरे तरीके से अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहा हूं। कल इस लीग से यदि चार-पांच खिलाड़ी भी आईपीएल तक पहुंचने में कामयाब रहे तो लगेगा कि क्रिकेट के लिए भी कुछ कर पाया हूं। यह लीग कुछ बड़ा करने का सपना लेकर शुरू की गई है। गुजरते वक्त के साथ इसका आकार भी और बड़ा होता जाएगा।

रविवार की शाम जब इस लीग का ग्रीनपार्क में शुभारम्भ हुआ तो स्टेडियम का नजारा देखकर ऐसा लगा ही नहीं कि यह शहरी लीग है। इसमें आईपीएल जैसी चमक-धमक और चकाचौंध की झलक तो थी ही साथ ही खिलाड़ियों में मुकाबले के दौरान अपना सब कुछ झोंक देने का जुनून भी नजर आ रहा था। खिलाड़ियों के इसी जुनून में दिखाई दी इस लीग के भविष्य की वो कामयाबी जो इसकी कल्पना करते समय शायद सोची गई हो।

इसके उद्घाटन मुकाबले को करोड़ों लोगों ने लाइव देखा। इस लीग में खेल रहे खिलाड़ियों ने शायद ही सोचा हागो कि उनका परिवार इतनी जल्दी उनको किसी लाइव मुकाबले में खेलते देख सकेगा। यही है इस लीग का चमत्कार। इन्हीं में से जब कुछ प्रतिभाओं पर स्टेट चयनकर्ताओं की नजर पड़ेगी तो उनके सपनों के पंख लगते देर नहीं लगेगी।

 

 

 

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