पुणे में सीरीज हारे : तीसरे ही दिन भारत ने आसानी से मानी हार, नहीं दिखी कानपुर जैसी आग

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-359 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय पारी 245 रनों पर सिमटी, 113 रन से हारे दूसरा टेस्ट
-मिचेल सेंटनर ने इस मैच में 13 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों की कब्र खोदी

पुणे। ग्रीनपार्क कानपुर में भारतीय बल्लेबाजों का जो रौद्र रूप दिखाई दिया था उसकी उम्मीद पाले बैठे फैन्स को पुणे में न्यूजीलैंड के खिलाफ उस आग की एक चिंगारी तक नहीं नजर आई। भारतीय बल्लेबाजों ने 359 रन का लक्ष्य और लगभग ढाई दिन का भरपूर समय रहने के बावजूद मिचेल सेंटनर की फिरकी के सामने दूसरी पारी में भी लगभग वैसे ही घुटने टेक दिए जैसे पहली पारी का रिप्ले चल रहा हो।

न्यूजीलैंड ने भारत से दूसरा टेस्ट 113 रनों की जीत के साथ ही सीरीज पर 2-0 की अजेय बढ़त लेकर क्लीन स्वीप के इरादे भी जाहिर कर दिये हैं। बेंगलुरु में पहला टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया के पास सीरीज में वापसी का शानदार मौका था लेकिन न्यूजीलैंड ने लगातार दूसरा टेस्ट जीतकर कमाल कर दिया। भारतीय टीम की 2012-13 में इंग्लैंड के हाथों हारने के बाद यह सीरीज की पहली हार है। इसी के साथ न्यूजीलैंड टीम ने भारत का अपनी धरती पर लगातार 18 टेस्ट सीरीज जीतने का सिलसिला भी तोड़ दिया।

इस सीरीज के जीतते ही न्यूजीलैंड ने नया कीर्तिमान रच दिया। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 259 रनों का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में टीम इंडिया महज 156 रनों पर सिमट गई। इसके बाद न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 255 रन बनाए और भारत को जीत के लिए 359 रनों का मुश्किल टारगेट दिया। इस टारगेट का पीछा करते हुए भारतीय टीम दूसरी पारी में महज 245 रनों पर ढेर हो गई और इस तरह न्यूजीलैंड ने भारतीय धरती पर नया इतिहास रच दिया।

इस जीत में सेंटनर का अहम योगदान रहा जिन्होंने पहली पारी में 7 बल्लेबाजों का शिकार किया, जबकि दूसरी पारी में 6 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाकर भारत को हार के कुएं में ढकेल दिया। सेंटनर के इस प्रदर्शन ने वाशिंगटन सुंदर के मैच में 11 विकेट के प्रदर्शन को छिपा दिया। दूसरी पारी में यशस्वी जयसवाल (77) और रविन्द्र जडेजा (42) की बल्लेबाजी के अलावा किसी बल्लेबाज का योगदान ऐसा नहीं है जो तसल्ली देता हो।

भारत में न्यूजीलैंड पहली बार टेस्ट सीरीज पर कब्जा करने में कामयाब हुई है। भारत में न्यूजीलैंड साल 1955 से टेस्ट सीरीज खेलती आ रही है लेकिन तब से उसे एक भी सीरीज जीतने में कामयाबी नहीं मिली थी लेकिन इस बार उन्होंने 68 साल 12 सीरीज का सूखा खत्म करते हुए बड़ा कारनामा कर दिया। न्यूजीलैंड भारत में टेस्ट सीरीज जीतने वाली अब छठी टीम बन गई है। इससे पहले इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका ने भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीतने का बड़ा कमाल किया था।

भारत में टेस्ट सीरीज जीतने वाली मेहमान टीमें

इंग्लैंड (पांच बार, आखिरी बार 2012/13 में)
वेस्टइंडीज (पांच बार, आखिरी बार 1983/84 में)
ऑस्ट्रेलिया (चार बार, आखिरी बार 2004/05 में)
पाकिस्तान (1986/87)
साउथ अफ्रीका (1999/00)
न्यूजीलैंड (2024/25)

भारत का 18 सीरीज का विजय रथ रुका
इस टेस्ट सीरीज पर कब्जा करने के साथ ही न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम का विजय रथ भी रोक दिया है। दरअसल, भारतीय टीम पिछली 18 सीरीज से घर में हारी नहीं थी। साल 2012 से उसका ये विजय रथ जारी था जिस पर अब न्यूजीलैंड ने विराम लगा दिया है। भारत को 12 साल में घरेलू टेस्ट सीरीज में पहली हार झेलनी पड़ी। पुणे टेस्ट की हार से भारतीय टीम ने 3 मैचों की टेस्ट सीरीज गंवा दी और अब टीम पर क्लीन स्वीप का खतरा मंडरा रहा है।

भारत के लिए एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा घरेलू हार
1969 में चार (ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 3, न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध 1)
1983 में तीन (वेस्टइंडीज के विरुद्ध 3)
2024 में तीन (न्यूजीलैंड के विरुद्ध 2, इंग्लैंड के विरुद्ध 1)

68 साल के बाद के हुआ ऐसा
दूसरी तरफ, न्यूजीलैंड ने 69 साल में पहली बार भारत में टेस्ट सीरीज जीती है। न्यूजीलैंड टीम 1955 से यहां दौरा कर रही है लेकिन इतने साल में भारत के किले में सेंध नहीं लगा सकी। जीत के लिये 359 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 245 रन पर आउट हो गई। इस तरह टीम इंडिया को एक साल के भीतर टेस्ट में तीसरी हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भारत को बेंगलुरु टेस्ट में 8 विकेट से शिकस्त मिली थी जबकि इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके साथ ही टीम इंडिया ने 41 साल पुराने शर्मनाक रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।

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