विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में शानदार शतक जड़ 27 साल बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम को आईसीसी ट्रॉफी से नवाजने वाले मार्करम ने भावुक अपील करते हुए कहा है कि कृपया अब तो हमें चोकर्स कहना बंद कर दो।
नॉकआउट मैचों में हारने की आदत के चलते प्रशंसक लंबे समय से दक्षिण अफ्रीकी टीम को ‘चोकर्स’ नाम से ट्रोल कर रहे थे। यहां तक कि कप्तान टेम्बा बावुमा ने भी खुलासा किया कि डब्यूटीसी फाइनल के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी चौथे दिन भी साउथ अफ्रीकी प्लेयर्स को स्लेज कर रहे थे।
दरअसल दक्षिण अफ्रीका ने इससे पहले आखिरी आईसीसी ट्रॉफी 1998 में जीती थी। उसके बाद से टीम कई बार आईसीसी टूर्नामेंट्स के नॉकआउट स्टेज तक पहुंचने में कामयाब हुई थी लेकिन कभी ट्रॉफी नहीं जीत पाई। इस वजह से उन्हें चोकर्स का टैग दे दिया गया। लेकिन अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का खिताब जीतकर उन्होंने ये टैग हटा दिया है।
साउथ अफ्रीका की टीम ने टेम्बा बावुमा की कप्तानी में इतिहास रच दिया। अफ्रीकी टीम डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर खिताब जीतने में कामयाब रही। इस जीत के साथ ही साउथ अफ्रीका ने 27 साल के बाद आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की। डब्ल्यूटीसी फाइनल मैच खत्म होने के बाद साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के प्लेयर्स ने उनकी टीम को स्लेज करने के लिए चोक वर्ड का इस्तेमाल किया था।
बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल पर बावुमा ने कहा कि जब उनकी टीम बल्लेबाजी कर रही थी, तो ऑस्ट्रेलिया के प्लेयर्स उन्हें चोक-चोक वर्ड का इस्तेमाल करके स्लेज कर रहे थे। बावुमा ने एक ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर्स को ये कहते सुना कि उनके बल्लेबाज टेस्ट मैच के चौथे दिन फिर से चोक कर जाएंगे। वह 60 रन के अंदर अपने सभी विकेट गंवा देंगे।
बावुमा ने बताया कि उनकी टीम बहुत विश्वास और बहुत सारे संदेह के साथ खेलने के लिए आई थी। वह फाइनल में पहुंचे और जिस रास्ते से हम आए, उस पर लोग संदेह कर रहे थे। लेकिन इस जीत के साथ उनकी टीम ने उन सभी को करारा जवाब दिया है जो उन्हें कमजोर समझ रहे थे।
एडन मार्करम जिन्होंने फाइनल में शानदार शतक लगाया, उन्होंने उम्मीद जताई है कि दक्षिण अफ्रीका के लिए चोक शब्द का इस्तेमाल फिर कभी नहीं किया जाएगा। मार्करम ने कहा कि जीत हासिल करना और ‘चोकर्स’ टैग को हटाना टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।