स्पोर्ट्स लीक डेस्क
कानपुर। क्या इस बार टीम इंडिया विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के खिताब का सूखा खत्म कर पाएगी? इस लाख टके के सवाल का जवाब मिलना अभी मुश्किल है लेकिन यह मुमकिन दिख रहा है कि वह लगातार तीसरी बार टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंच सकती है। लेकिन यह सफर बहुत आसान भी नहीं है। टीम इंडिया को अभी नौ टेस्ट मैच खेलने हैं, जिनमें से पांच में जीत दर्ज कर लेने पर उसे फाइनल का टिकट मिल जाएगा, इसलिए अब हर टेस्ट उसके लिए महत्वपूर्ण हो जाएगा।
बांग्लादेश के खिलाफ 27 सितम्बर से होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के अलावा न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया से भारत को आठ टेस्ट मैच खेलने हैं। टीम इंडिया यदि अपनी घरेलू सीरीज में बांग्लादेश और न्यूजीलैंड पर क्लीन स्वीप कर देती है तो वह गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी का सिर्फ एक टेस्ट जीतकर ही फाइनल खेलने का हकदार बन जाएगी। इसके अलावा आस्ट्रेलिया सिरीज भी बेखौफ होकर खेल सकेगी। उस स्थिति में सारा प्रेशर मेजबान आस्ट्रेलिया पर होगा।
अब जरा फाइनल तक पहुंचने का गणित भी समझ लें।
टीम इंडिया अगले नौ टेस्ट मैचों में से पांच में जीत दर्ज कर लेती है और शेष चार में उसे शिकस्त भी झेलनी पड़ सकती है, तब भी उसके फाइनल पहुंचने का रास्ता साफ हो जाएगा, क्योंकि तब उसके खाते में 63.15 प्रतिशत अंक होंगे जो कि फाइनल पहुंचने के लिए जरूरी 60 प्रतिशत अंक से ज्यादा होंगे।
हालांकि फाइनल में पहुंचने की राह इतनी आसान भी नहीं है जितनी कागज पर नजर आ रही है। न्यूजीलैंड और अस्ट्रेलिया की टीमें भी इस चैम्पियनशिप में अपना सब कुछ झोंकने के लिए तैयार हैं। लेकिन टीम इंडिया के पास अभी घरेलू सीरीज के चार टेस्ट मैच हैं, जिनके परिणाम ही उसके फाइनल में पहुंचने की संभावना तय करेंगे।
भारत लगातार दो बार डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंच चुका है लेकिन अभी तक एक भी खिताब उसकी झोली में नहीं है। पहले उसे न्यूजीलैंड और दूसरी बार आस्ट्रेलिया से फाइनल में शिकस्त खानी पड़ी थी। टीम इंडिया के फाइनल तक के सफर के लिए मुख्य खिलाड़ियों की फिटनेस बरकरार रहना भी अहम माना जा रहा है।