दैनिक जागरण में सुबह ही सभी कमेटियां छप जाने से प्रवीण कुमार जो पीके के नाम से ज्यादा मशहूर हैं एजीएम से पहले ही चर्चा का विषय बने रहे। यूपीसीए के ही लोगों में यह खुसुर-फुसुर हो रही थी कि राजीव जी ने यह सही किया। पीके के सामने अब किसी ‘ऊपर वाले’ की नहीं चलेगी। कुछ सदस्यों ने कहा कि पीके साफ दिल और साफ नियत का बंदा है वह किसी की गलत बात मानेगा ही नहीं, भले ही कुछ दिनों बाद उसे कमेटी छोड़नी क्यों न पड़ जाए।
इस पर एक अन्य सदस्य ने कहा कि भाई अभी तो उनके पास कुछ करने को होगा ही नहीं, क्योंकि टीमें पहले ही बन चुकी हैं। जब होगा तो तुम्हारी इस बात की भी आजमाइश हो जाएगी। उसने साथ ही जोड़ा कि यह मत भूलो कि समय सब कुछ बदल देता है। तब पीके खेल रहे थे और परफार्मेंस दे रहे थे इसलिए उनका खरा मिजाज भी सब झेल लेते थे लेकिन अब हो सकता है वह समझौता करके आये हों। इस पर पास ही कान लगाए खड़े एक साहब ने ज्ञान झाड़ा, बोले कि भैय्या जो हमें पता चला है कि राजीव सर खुद परेशान थे चयन में उनके पास पहुंचने वाली शिकायतों से। और यह शिकायत एक बंदे की ही नहीं आ रही थीं, बल्कि एक सीनियर मोस्ट के टीम चयन में दखल और अपनी चलाने की भी आ रही थीं।
रीता डे और अर्चना मिश्रा में दिखी दूरी
प्रदेश की पहली टेस्ट क्रिकेटर रीता डे और अर्चना मिश्रा के बीच तल्खी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कुछ महीने पहले दोनों क्रिकेटरों के बीच के मतभेद अखबारों की खबर भी बने थे। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने दोनों को कई बार आपसी मतभेद सुलझाने की सलाह दी लेकिन उसका कोई फायदा नहीं निकला। यूपीसीए की 19वीं एजीएम में दोनों के संबंधों की तल्खी साफ नजर आई। न तो एक दूसरे से हाय हैल्लो हुआ और न ही बातचीत हुई। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि क्रिकेट हित में दोनों वरिष्ठ खिलाड़ी एक बार फिर हाथ मिलाकर काम करेंगी।
पहली बार एजीएम से पहले तनाव में दिखे कुछ लोग
कुछ वैसा ही नजारा था, जैसे बॉस की मीटिंग से पहले ठीक से होम वर्क न किया हो तो बंदे की हवा टाइट रहती है। आज कमला क्लब में हुई एजीएम में कुछ लोग ऐसे भी थे जो अपनी टीमों के परफॉर्मेंश को लेकर डरे हुए थे। यह देखकर अच्छा भी लगा और माहौल बदलने का संकेत भी मिला। हालांकि मिस्टर कूल राजीव शुक्ला ने उनसे कुछ नहीं कहा।
कपिल पांडेय का कद घटाने को प्रशान्त गुप्ता को लाए!
एक चर्चा जूनियर मेन्स सलेक्शन कमेटी में प्रशान्त गुप्ता को चेयरमैन बनाने की भी रही। दिमाग दौड़ाने वाले मान रहे हैं कि ऐसा कपिल पांडेय का कद घटाने के लिए किया गया है। प्रशान्त गुप्ता को मेरठ लॉबी का कैंडिडेट बताया जा रहा है। दो खेमों में बटी यूपीसीए में अब किसी भी नियुक्ति से शक्ति संतुलन भी प्रभावित होने लगता है। हालांकि दिल्ली खेमा 75-25 की भारी बढ़त से आगे नजर आ रहा है।