टेस्ट क्रिकेट को शुरू हुए 147 साल हो चुके हैं और इस दौरान केवल एक गेंदबाज ऐसा है, जिसने बुमराह से बेहतर औसत के साथ उनसे ज्यादा विकेट लिए हैं। यह खिलाड़ी हैं इंग्लैंड के सिडनी बार्न्स। उन्होंने 16.43 की औसत के साथ 189 टेस्ट विकेट लिए थे बार्न्स ने आखिरी टेस्ट 1914 में खेला था। अब अगर उनके खेल को किनारे रख दिया जाए, तो पिछले 110 साल में बुमराह के अलावा कोई बॉलर नहीं है जिसने शानदार औसत के साथ 150 से ज्यादा विकेट लिए हैं। पर्थ टेस्ट बुमराह के करियर का 41वां मुकाबला है। वे अभी तक टेस्ट में 20.20 की औसत से 177 विकेट ले चुके हैं।
बुमराह के बाद ऑस्ट्रेलिया के एलन डेविडसन का नाम आता है, जिन्होंने 44 टेस्ट में 20.53 की औसत से 186 विकेट लिए थे। वेस्टइंडीज के सूरमा मेल्कम मार्शल ने 81 टेस्ट में 20.94 की औसत से 376 और जोएल गार्नर ने 58 टेस्ट में 20.97 की औसत से 259 विकेट निकाले थे। इनके करियर को देखा जाए तो डेविडसन 1953 से 1963, मार्शल 1978 से 1991 और गार्नर 1977 से 1987 के दौरान खेले थे। वहीं बुमराह के नाम ऑस्ट्रेलिया में 36 विकेट हो चुके हैं। उन्होंने यह कामयाबी 19.22 की औसत के साथ हासिल की। ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उनसे बेहतर टेस्ट रिकॉर्ड केवल तीन ही गेंदबाजों का है। इनमें से दो साल 1900 से पहले खेले थे और तीसरे गेंदबाज का नाम रिचर्ड हैडली है।
जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के पहले टेस्ट के पहले दिन दिखाया कि क्यों वे वर्तमान क्रिकेट के सबसे धाकड़ बॉलर हैं। उन्होंने पर्थ टेस्ट के पहले दिन 17 रन देकर 4 शिकार किए और मेजबान टीम को घुटनों पर ला दिया। भारतीय टीम पहले बैटिंग करते हुए 150 रन पर ढेर हो गई। इसके बाद बुमराह का जादू चला और 59 रन पर उसके 7 विकेट गिर गए। इनमें से 4 बुमराह के नाम रहे। उन्होंने कप्तानी के साथ बॉलिंग का जिम्मा भी संभाला और भारत को पहले दिन हावी कर दिया। इस दौरान अपने हैरतअंगेज खेल से बुमराह ने खुद को टेस्ट क्रिकेट के सर्वकालिक नामी-गिरामी गेंदबाजों में शामिल करा लिया। बुमराह को ऐतिहासिक उपलब्धि की बधाई दीजिए। (सोशल मीडिया से साभार)