पाकिस्तान के हाथ से जा सकती है चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी, इस्लामाबाद में बवाल के बाद खेलने से कतरा रहीं टीमें

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चैम्पियंस ट्रॉफी का आयोजन 19 फरवरी से 9 मार्च तक पाकिस्तान में होना है लेकिन पड़ोसी देश के अंदरूनी हालात टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए तैयार नहीं नजर नहीं आ रहे हैं। पूरी संभावना है कि यह टूर्नामेंट ही किसी अन्य देश में शिफ्ट हो जाए। पाकिस्तान भले ही टूर्नामेंट के दौरान टीमों को सुरक्षा देने के दावे करे लेकिन हकीकत इससे जुदा है। इस्लामाबाद में चल रहे बवाल ने पाकिस्तान के अंदरूनी हालात की पोल खोल दी है और अब भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों की टीमें भी पाकिस्तान में खेलने की इच्छुक नहीं हैं। श्रीलंका की एक टीम तो पाकिस्तान से बीच दौरा रद्द करके लौट गई।

इमरान खान के समर्थकों ने इस्लामाबाद में जो बवाल खड़ा किया था उसमें कई लोगों की जानें चली गईं। इसी के चलते इस्लामाबाद में लॉक डाउन लगा दिया गया है। मौजूदा हालात को देखते हुए श्रीलंका की ए टीम को तो अपना दौरा बीच में ही रद्द कर वापस लौटना पड़ गया। यह टीम पाकिस्तान शाहीन्स टीम के खिलाफ वन डे सीरीज खेलने गई थी। इतना ही नहीं चैम्पियंस ट्रॉफी में भाग लेने वाली कई टीमों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। इसी के बाद आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से टूर्नामेंट हाईब्रिड मॉडल में कराने को राजी होने के लिए कहा है।

यदि पाकिस्तान यह प्रस्ताव नहीं मानता है तो पूरा टूर्नामेट ही किसी अन्य देश को ट्रांसफर किया जा सकता है। पिछले साल अगस्त से जेल में बंद पाकिस्तान क्रिकेट टीम के विश्व कप चैम्पियन टीम के पूर्व कप्तान और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान को रिहा करने के लिए उनके समर्थकों ने इस्लामाबाद में जमकर बवाल किया, जिसमें कई लोगों की जान गई। इस राजनीतिक घटनाक्रम ने भारत के उस दावे को और पुख्ता कर दिया है, जिसमें सरकार ने भारतीय टीम को सुरक्षा कारणों से चैम्पियंस ट्रॉफी में भाग लेने पाकिस्तान जाने से रोक दिया है।

पाकिस्तान इस टूर्नामेंट को हाईब्रिड मॉडल में आयोजित करवाने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन अब उसके पास नए घटनाक्रम के बाद आईसीसी का प्रस्ताव मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को आईसीसी बोर्ड सदस्यों की बैठक में चैम्पियंस ट्रॉफी के आयोजन पर फैसला होना है। लगभग 28 साल बाद पाकिस्तान को आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबान का मौका मिला है। पिछली बार 1996 में जब पाकिस्तान में वर्ल्ड कप हुआ था तब भारत और श्रीलंका उसके सह आयोजक थे। इस बार पूरा टूर्नामेंट आईसीसी ने पाकिस्तान को सौंपा है।

अब खबर है कि पाकिस्तान ने आईसीसी को कह दिया है कि वह हाईब्रिड मॉडल पर खेलने को किसी भी सूरत तैयार नहीं है। ऐसे में यदि पाकिस्तान को बिना भारत के चैम्पियनशिप की मेजबानी करनी पड़ती है तो भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि उस स्थिति में टूर्नामेंट के प्रसारण के लिए पाकिस्तान को एड़ी चोटी एक करनी पड़ सकती है।

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