-कानपुर में पिकल बॉल का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है, शनिवार को ‘द स्पोर्ट्स हब’ में पुलिस आयुक्त अखिल कुमार करेंगे शुभारंभ
-शुक्रवार को खिलाड़ियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र हुआ, जहां सुनील वालावालकर और सुभ्रांशु चरन सारंगी ने दिए पिकल बॉल के टिप्स
कानपुर: भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहे पिकल बॉल खेल का क्रेज अब कानपुर में भी देखने को मिल रहा है। शहर में इस खेल को बढ़ावा देने के लिए ‘द स्पोर्ट्स हब’ में शनिवार को विशेष आयोजन किया जाएगा, जहां पुलिस आयुक्त अखिल कुमार इसके औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर देश के जाने-माने पिकल बॉल विशेषज्ञ और ऑल इंडिया पिकल बॉल एसोसिएशन के संस्थापक सुनील वालावालकर खिलाड़ियों को इस खेल की बारीकियां सिखाएंगे। उनके साथ ऑल इंडिया पिकल बॉल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट और उड़ीसा पिकल बॉल एसोसिएशन के सेक्रेटरी सुभ्रांशु चरन सारंगी भी मौजूद रहेंगे, जो खिलाड़ियों को तकनीकी टिप्स देंगे और इस खेल के भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
वालावालकर ने बताया कि पिकल बॉल एक ऐसा खेल है, जो हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। यह न केवल मनोरंजक है, बल्कि फिटनेस बढ़ाने के लिहाज से भी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि 2007 में जब उन्होंने इस खेल को भारत में लाने की शुरुआत की, तब इसे लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं थी, लेकिन आज यह 23 राज्यों में फैल चुका है और कई भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसमें अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। गौरव नाटेकर जैसे दिग्गज टेनिस खिलाड़ी भी इस खेल की ओर आकर्षित हुए हैं, जिससे इसकी विश्वसनीयता और लोकप्रियता और बढ़ गई है।
शुक्रवार को कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर खिलाड़ियों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें वालावालकर और सारंगी ने बच्चों को पिकल बॉल के स्कोरिंग सिस्टम, तकनीकी पहलुओं और खेल की रणनीतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने खिलाड़ियों के आई और हैंड कोऑर्डिनेशन की सराहना करते हुए कहा कि कानपुर में इस खेल के लिए जबरदस्त टैलेंट है और सही प्रशिक्षण मिलने पर यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
‘द स्पोर्ट्स हब’ में पिकल बॉल की शुरुआत होने से शहर में इस खेल को लेकर जागरूकता और रुचि बढ़ेगी। इस मौके पर ‘द स्पोर्ट्स हब’ के डायरेक्टर प्रणव अग्रवाल, देवांशी अग्रवाल और स्पोर्ट्स डायरेक्टर आर. पी. सिंह भी मौजूद रहेंगे। आयोजकों का कहना है कि इस खेल को बढ़ावा देने से कानपुर के युवा खिलाड़ियों को एक नया मंच मिलेगा और वे इस उभरते हुए खेल में खुद को स्थापित कर सकते हैं।