पिंक बॉल टेस्ट : एडिलेड के कलंक को साफ करने के लिए टीम इंडिया को करना होगा असाधारण प्रदर्शन

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-दो या तीन बदलाव के साथ उतर सकती है टीम इंडिया, कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल की होगी वापसी

– देवदत्त पड्डिकल और ध्रुव जुरेल को खाली करनी होगी जगह, वाशिंगटन सुंदर की जगह आर. अश्विन को भी मिल सकता है मौका

भारत और आस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शुक्रवार को एडिलेड में दूसरे टेस्ट मैच के लिए आमने-सामने होंगे। यह टेस्ट डे नाइट होगा और इसे पिंक बॉल से खेला जाएगा। भारत ने अब तक सिर्फ चार पिंक बॉल डे नाइट टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से उसे तीन में जीत मिली है, जबकि आस्ट्रेलिया में खेले एकमात्र टेस्ट में मेजबान टीम ने उसे करारी शिकस्त दी थी। इस मैच में भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 36 रन बनाकर आउट हो गई थी, जिसकी टीस आज भी उसे और उसके फैन्स को है। भारतीय टीम इस कलंक को साफ करने के इरादे से ही एडिलेड में उतरेगी। हालांकि इसके लिए उसे असाधारण प्रदर्शन करना पड़ेगा।

पिंक बॉल से खेले गए सभी 22 टेस्ट मैचों में निकला है परिणाम

पिंक बॉल से अभी तक सिर्फ 22 टेस्ट मैच ही खेले गए हैं और सभी में रिजल्ट निकला है। इस टेस्ट को लेकर भी दोनों टीमों ने जमकर तैयारी की है। आस्ट्रेलिया के लिए भी यह टेस्ट कम महत्वपूर्ण नहीं है। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 0-1 से पिछड़ रही मेजबान टीम इस मुकाबले को जीतकर वापसी करना चाहेगी। पिंक बॉल टेस्ट में भारत के खिलाफ पिछले मुकाबले में मिली जीत भी उसे मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त दे रही है। आस्ट्रेलिया ने अब तक 12 में से 11 पिंक बॉल टेस्ट जीते हैं और सिर्फ एक में उसे हार का सामना करना पड़ा है। यह टेस्ट इसी साल गाबा में खेला गया था, जिसे वेस्टइंडीज ने जीता था।

फ्लड लाइट स्टार्ट होते समय बल्लेबाजी में दिक्कत

भारतीय टीम गुलाबी गेंद से मुकाबले के लिए भी पूरी तरह से तैयार है। पिंक बॉल से उसने पिछले तीन-चार दिनों में नेट पर काफी समय बिताया है। बल्लेबाजों को पिंक बॉल से तब ज्यादा दिक्कत होती है जब फ्लड लाइट जलनी शुरू होती हैं और दोनों तरह की रोशनी होती है और उस समय गुलाबी गेंद यदि नई है तो बल्लेबाजों के लिए दिक्कत बढ़ जाती है। लेकिन यदि गेंद तब तक 40 से 50 ओवर तक पुरानी हो चुकी होती है तब बल्लेबाजी में खास दिक्कत नहीं होती। हालांकि यह दोनों टीमों के लिए समान परिस्थितियां होंगी।

एडिलेड में भी नई कहानी लिखने का प्रयास करेगी टीम इंडिया

पर्थ टेस्ट से पहले वहां के तेज और उछाल वाले विकेट को देखते हुए भारतीय टीम को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे थे। खासकर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से हार के बाद भारतीय टीम के आत्मविश्वास को लेकर भी बातें उठ रहीं थीं। उस मैच के लिए न तो कप्तान रोहित शर्मा और न ही शुभमन गिल मौजूद थे, भारत को एक कमजोर प्रतिद्वंद्वी के रूप में आंका जा रहा था। पहली पारी में 150 रनों पर सिमटने पर क्रिकेट विशेषज्ञों का यह अनुमान सही साबित होते दिखा था लेकिन फिर क्या हुआ सबने देखा। एडिलेड टेस्ट की जहां तक बात है तो टीम इंडिया यहां भी नई कहानी लिखने का प्रयास करेगी।

बुमराह ने बदल दी थी पर्थ की कहानी

कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में भारतीय गेंदबाजों ने जब आस्ट्रेलियाई पारी को 104 रनों पर समेट दिया और दूसर पारी में बल्लेबाजों ने लगभग पांच सौ के करीब स्कोर को पहुंचा दिया तो कहानी बदल गई। अटॉप्स स्टेडियम में आस्ट्रेलिया का घमंड पहली बार किसी टीम ने चूर किया। इस मैच को टीम इंडिया ने 295 रनों के भारी अंतर से जीतकर आस्ट्रेलिया में अपनी उपस्थिति का अहसास करवा दिया।

पड़ने के बाद काफी तेजी से आती है गुलाबी गेंद

पिंक बॉल टप्पा खाने के बाद काफी तेजी से आती है। इसके अलावा 30-40 ओवर तक उसका रंग भी नहीं उतरता। इस गेंद पर कैसे काबू करना है, पिछले कुछ दिनों से टीम इंडिया के बल्लेबाज इसी पर मशक्कत कर रहे हैं। हालांकि यह मैच के दौरान ही देखने को मिलेगा कि उनको अभ्यास का कितना फायदा मिला है। अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट खेलने के लिए केएल राहुल उत्साहित तो हैं लेकिन उनका यह भी कहना था कि पिंक गेंद को गेंदबाज के हाथ से छूटते समय देखने में दिक्कत हो रही है। यह गेंद लाल गेंद से ज्यादा सख्त है, इसलिए फील्डिंग के दौरान हाथ पर लगती भी है।

यशस्वी जयसवाल का जोड़ीदार कौन, अभी रहस्य

जहां तक इस मैच के लिए टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन का सवाल है तो इसमें कम से कम दो बदलाव तो तय दिख रहे हैं, तीन भी हो जाएं तो आश्चर्य नहीं। कप्तान रोहित शर्मा इस टेस्ट से जुड़ जाएंगे, जबकि शुभमन गिल भी इंजरी से लौटकर प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बन जाएंगे। इन दोनों के लिए ध्रुव जुरेेल और देवदत्त पड्डीकल को जगह खाली करनी होगी। वैसे भी दोनों का पर्थ टेस्ट में खास योगदान नहीं रहा था। यशस्वी जयसवाल के साथ ओपनिंग केएल राहुल करेंगे या खुद रोहित शर्मा, अभी इस रहस्य से पर्दा नहीं हटा है। महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि रोहित शर्मा को ही ओपनर की भूमिका निभानी चाहिए, जबकि केएल राहुल को पांचवें नम्बर पर बल्लेबाजी के लिए उतरना चाहिए।

तेज गेंदबाजी में नहीं दिख रही बदलाव की संभावना

एडिलेड के क्यूरेटर डेमियन हो का कहना विकेट पर घास तो रहेगी लेकिन बाद में इसमें स्पिनरों के लिए टर्न भी रहेगा। इसको देखते हुए यदि टीम मैनेजमेंट एक स्पिनर बरकरार रखने का मन बनाता है तो वह वाशिंगटन सुंदर होंगे या उनकी जगह रविचन्द्रन अश्विन, यह देखना होगा। सीमर्स में कोई चेंज नहीं दिख रहा है। हर्षित राणा ने पर्थ में अच्छी गेंदबाजी की थी, जबकि नीतीश कुमार रेड्डी ने अपनी ऑलराउंड क्षमता ने प्रभावित किया था। यानि आकाश दीप को इस मैच में भी गेंद डालने का मौका मिलता नहीं दिख रहा है। आकाश दीप ने बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था।

 

 

 

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