उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का सबसे बड़ा पद संभालेंगे। रोजर बिन्नी 19 जुलाई को 70 वर्ष के हो जाएंगे। इसी वजह से उन्हें अपना ये पद छोड़ना होगा। ऐसे में जब तक अध्यक्ष पद के लिए किसी भी प्रतिष्ठित व्यक्ति का चयन नहीं होता है तब तक राजीव शुक्ला बीसीसीआई अध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे। इस फैसले ने यूपी क्रिकेट में राजीव शुक्ला के विरोधियों की हवा निकाल दी है। संभवत: इसीलिए विरोधियों की तमाम बयानबाजियों के बावजूद यूपीसीए की तरफ से कोई कमेंट नहीं किया जा रहा था।
तीन महीने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे
हालांकि माना जा रहा है कि सीनियर्टी में सबसे ऊपर मौजूदा बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला की ही तीन महीने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम करने के बाद अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हो जाएगी। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति 70 साल की उम्र के बाद अध्यक्ष पद पर कार्यरत नहीं रह सकता। 70 वर्ष के बिन्नी 19 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे। अगले महीने शुक्ला मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी की जगह लेंगे।
राजीव शुक्ला 2020 से बीसीसीआई उपाध्यक्ष की भूमिका में
राजीव शुक्ला 2020 से बीसीसीआई उपाध्यक्ष की भूमिका में कार्यरत हैं। इसके अलावा वह 2017 तक उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के लिए सचिव की भूमिका में काम कर चुके हैं। शुक्ला 2018 तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन भी रहे। 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी को सौरभ गांगुली की जगह 2022 में बीसीसीआई का अध्यक्ष बनाया गया था। बिन्नी ने 1983 के वर्ल्ड कप में भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 18 विकेट लिए थे।
यूपी क्रिकेट के दंगल में विरोधियों की हवा टाइट
यूपी क्रिकेट में चल रही उठा पटक के बीच बीसीसीआई सूत्रों से आई यह खबर राजीव शुक्ला के विरोधियों के हौसले पस्त करने वाली है। पिछले कुछ समय से यूपीसीए के अंदर और बाहर से उठ रहे विरोध के सुर इस धोबी पछाड़ दांव से ठंडे पड़ सकते हैं। उधर सामानांतर यूपीसीए भीे अपनी मान्यता के लिए बीसीसीआई के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था लेकिन अब इस फैसले से उसके लिए हालात बदल जाएंगे। दरअसल इस मास्टर स्ट्रोक से राजीव शुक्ला एक बार फिर विरोधियों को चारों खाने चित करने में सफल होते नजर आ रहे हैं।