-घरेलू विकेट का लाभ खोया, अपने विकेट पर अब सिर्फ एक मुकाबला बचा
-नॉकआउट दौर में पहुंचने के लिए यूपी को अब कड़ी मेहनत करनी होगी
संजीव मिश्र। लखनऊ। यूपी ने आज फिर अंक खो दिए। इसी के साथ घरेलू विकेट पर खेलने का फायदा भी लगभग गंवा दिया। एपी जयपुरिया स्पोर्ट्स गैलेक्सी ग्राउंड में हरियाणा के खिलाफ ग्रुप सी में दूसरे राउंड का मुकाबला भी ड्रॉ रहा। पहली पारी के आधार पर पिछड़ने की वजह से उसके दो महत्वपूर्ण अंक फिर छिन गए। अपने घरेलू विकेटों और माहौल के बावजूद दो मैचों से सिर्फ दो अंक जुटाने वाली यूपी टीम से रणजी ट्रॉफी जीतने की आस लगाना झूठा सपना देखने जैसा होगा। बहरहाल यूपी ने मौजूदा सीजन में अपने सफर की शुरुआत बिगाड़ ली है।
इस मैच से पहली पारी की बढ़त के आधार पर हरियाणा को तीन और यूपी को केवल एक अंक मिला। यूपी के पास अब दो मैचों से दो ही अंक हैं और वह प्वाइंट टेबल में पांचवें स्थान पर है, जबकि हरियाणा 10 अंक लेकर शीर्ष पर चल रही है, केरल की टीम 07 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। यूपी का अगला मुकाबला पंजाब से 26 से 29 अक्टूबर तक मुल्लानपुर में है। पंजाब की टीम केरल से हार चुकी है। पंजाब की हालत भी लगभग यूपी जैसी है। उसके दो मैचों से तीन अंक हैं। पंजाब के बाद यूपी केरल से उसी के ग्राउंड में 6 नवंबर से खेलेगी।
यूपी को पहले दो मुकाबलों में उसके बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों ने ही निराश किया। समीर रिजवी को इस टीम में जगह नहीं दी गई है। बाकी बल्लेबाज टुकड़ों में प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे बल्लेबाजी सिर्फ कागज पर ही मजबूत दिख रही है। इस प्रदर्शन से उसके नॉक आउट दौर में पहुंचने की संभावनाएं कमजोर पड़ने लगी हैं। लेकिन चूंकि शुरुआत बिगड़ चुकी है और टीम पहले दो मैचों में एकजुट प्रदर्शन करने में पूरी तरह से नाकाम रही है, इसलिए अब अगले मुकाबले उसके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम न होंगे।
इस मैच की बात करें तो सुबह यूपी ने अपने कल के स्कोर 6 विकेट पर 267 रनों से आगे खेलना शुरू किया और अंतिम विकेट के लिए यश दयाल (नाबाद 41) और अंकित सिंह राजपूत (40) रनों के बीच हुुई 85 रनों साझेदारी के बावजूद पूरी टीम 364 रनों पर सिमट गई।
हरियाणा को पहली पारी के आधार पर 89 रनों की लीड मिली। दूसरी पूरी में उसने तीन विकेट खोकर 72 रन बनाए। शिवांश शर्मा ने दो विकेट लिए। शिवांश ने पहली पारी में भी चार विकेट लिए थे। लेकिन इन दो मैचों में न तो सौरभ कुमार विपक्षी बल्लेबाजों पर कोई असर छोड़ पाए और न ही मीडियम पेसर अंकित सिंह राजपूत।