रणजी ट्रॉफी : इकाना में पहले ही दिन गिरे 15 विकेट, कर्नाटक ने यूपी से ली पहली पारी में बढ़त

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– मेजबान यूपी ने लगभग आधी टीम बदल डाली, लेकिन फिर भी 89 पर हुई ढेर, वासुकी कौशिक और विद्याधर पाटिल की घातक गेंदबाजी

– कर्नाटक ने भी अपनी पहली पारी में 127 रनों पर पांच विकेट गंवा दिए

संजीव मिश्र। कानपुर। यूपी का 18 साल में दूसरी बार रणजी ट्रॉफी जीतने का सपना बुधवार को कर्नाटक के पेसरों वासुकी कौशिक और विद्याधर पाटिल की गेंदबाजी के सामने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में टूटता दिखा। कहते हैं कि क्रिकेट में अंत तक उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ा जाता है लेकिन यूपी की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए उससे दूसरी पारी में चमत्कारिक प्रदर्शन की आस लगाना किसी लंगड़े घोड़े से रेस जीतने की उम्मीद पालना होगा।

कर्नाटक को पहली पारी में अब तक 38 रनों की बढ़त

यूपी को पहली पारी में मात्र 89 रन पर समेटने के बाद कर्नाटक ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक पांच विकेट पर 127 रन बना लिए थे। अब कर्नाटक की टीम यूपी से 38 रनों से आगे हैं। श्रीजिथ (68) और श्रेयस गोपाल (14) कम रोशनी की वजह से खेल रोके जाने के समय क्रीज पर थे। दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 43 रनों की साझेदारी हो चुकी है। इस मुकाबले में कोई न कोई परिणाम आना तय नजर आ रहा है। हालांकि आकिब खान और शिवम मावी ने दो-दो विकेट लेकर यूपी को वापसी दिलाने की भरपूर कोशिश की। इसके अलावा मयंक अग्रवाल का प्राइज विकेट सौरभ कुमार को मिला।

यूपी बढ़त लम्बी न होने दे तो बात अब भी बन सकती

एलीट ग्रुप सी के इस मुकाबले में कर्नाटक की टीम ने छोटी-छोटी साझेदारियां कर पहली पारी के आधार पर बढ़त ले ली है लेकिन उसकी आधी टीम भी पवेलियन लौट चुकी है। यदि यूपी के गेंदबाज दूसरे दिन कर्नाटक को लम्बी बढ़त नहीं लेने देते हैं और बल्लेबाज दूसरी पारी में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उनके लिए अंधेरे में उम्मीद की एक किरण अब भी दिख रही है, क्योंकि इस विकेट पर अंतिम पारी कर्नाटक को खेलनी होगी, जो तब बल्लेबाजी के लिए बहुत आसान नहीं रहेगा।

यूपी ने बदल दी लगभग आधी टीम

केरल के खिलाफ हार से बौखलाए टीम मैनेजमेंट का अपने लिए ‘करो या मरो’ के इस मुकाबले में पांच खिलाड़ियों को बदलने का फैसला समझ से परे रहा। खासकर यह देखते हुए कि अनुभवी खिलाड़ियों की जगह अनुभवहीन खिलाड़ियों को मौका दिया। प्रियम गर्ग, सिद्धार्थ यादव, नीतीश राणा, शिवम शर्मा और पीयूष चावला की जगह अभिषेक गोस्वामी, रितुराज शर्मा, आदित्य शर्मा, विपराज निगम और कृतज्ञ सिंह जैसे अनुभवहीन खिलाड़ियों को इस मैच की प्लेइंग इलेवन में डाला गया। इसमें सिर्फ विपराज निगम को वापस लाने का फैसला ही सही नजर आया।

आर्यन जुयाल की कप्तानी में दिखी अनुभवहीनता

इस सत्र में कप्तानी का दायित्व निभाने वाले आर्यन जुयाल के फैसले समझ से परे रहे। लगभग आधी टीम बदलने का यूपी को पहली पारी की बल्लेबाजी में कोई फायदा नहीं मिला। गेंदबाजी के लिहाज से विपराज निगम को वापस लाने का भी कोई फायदा नहीं उठाया गया, क्योंकि कप्तान ने उन्हें 31वें ओवर में जब गेंद थमाई भी तो वह दिन का अंतिम ओवर था, जिसमें उन्होंने पहली ही गेंद पर बल्लेबाज को बीट भी किया।

पहले बल्लेबाजी का फैसला और 89 रनों पर ढेर

कर्नाटक के दो मीडियम पेसरों वासुकी कौशिक और विद्याधर पाटिल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनने वाली यूपी की पहली पारी को उसके घरेलू विकेट पर सिर्फ 89 रनों पर समेट दिया। यूपी ने पहले तीन विकेट सिर्फ पांच रनों पर खो दिए थे। सुबह मेजबान टीम पर कर्नाटक के गेंदबाजों का इतना खौफ था कि उसके लंच से पहले ही 56 रनों पर सात विकेट पवेलियन लौट चुके थे।

यूपी के नए पुराने बल्लेबाज विकेट पर खड़े ही नहीं हो सके

अभिषेक गोस्वामी (5), माधव कौशिक (0), रितुराज शर्मा (12), आर्यन जुयाल (0), आदित्य शर्मा (9), विपराज निगम (6) और कृतज्ञ सिंह (13) लंच से पहले आउट होने वाले खिलाड़ी रहे। लंच के बाद सौरभ कुमार (13), समीर रिजवी (25) और शिवम मावी (0) रहे। कौशिक ने 20 रन देक पांच, पाटिल ने 22 रन देकर तीन और यशोवर्द्धन व मोहसिन खान ने एक-एक विकेट लिया।

कर्नाटक की शुरुआत भी झटकों के साथ हुई

कर्नाटक की शुरुआत भी दो झटकों के साथ हुई। पारी के दूसरे ही ओवर में आकिब खान ने सिर्फ पांच रनों पर निकिन जोस (5) और आर. स्मरन (0) को एलबीडब्ल्यू कर दिया। इसके बाद कप्तान टीम इंडिया के अनुभवी ओपनर मयंक अग्रवाल (30) ने श्रीजिथ के साथ स्थति संभालने की कोशिश की लेकिन चाय से थोड़ा पहले सौरभ कुमार ने मयंक को बोल्ड करके 48 रनों की इस साझेदारी को तोड़ दिया।

अंतिम सत्र में कर्नाटक ने ली बढ़त

टी ब्रेक में जाने से पहले कर्नाटक ने 67 रनों पर तीन विकेट खो दिए थे लेकिन उनके लिए सुकून की बात यह थी कि वे यूपी के स्कोर से इस समय सिर्फ 22 रन ही पीछे थे। चाय के बाद कर्नाटक ने दो विकेट और खोये। मनीष पांडे (6) और अभिनव कुमार (6) को शिवम मावी ने विकेट के पीछे आर्यन जुयाल के हाथों पकड़वा दिया। अंतिम सत्र में कर्नाटक ने बढ़त भी ले ली। इसके बाद एक मौका ऐसा भी आया जब श्रीजिथ को सौरभ कुमार ने अपने 11वें ओवर की पांचवीं गेंद पर विकेट के सामने फंसा लिया था लेकिन अम्पायर ने इस बल्लेबाज को संदेह का लाभ दे दिया। श्रीजीथ उस समय 44 के स्कोर पर थे।

यूपी का कर्नाटक के खिलाफ न्यूनतम स्कोर

89 रन कर्नाटक के खिलाफ यूपी टीम न्यूनतम स्कोर भी है। कर्नाटक के खिलाफ यूपी का पिछला न्यूनतम स्कोर 112 रन था जो 1978 में बना था। जहां तक यूपी का किसी भी टीम के खिलाफ न्यूनतम स्कोर का सवाल है तो 1938-39 में यशवंत क्लब ग्राउंड इन्दौर में तब यूनाइटेड प्रॉविंस के नाम से खेलने वाली यूपी की टीम सेन्ट्रल इंडिया के खिलाफ सिर्फ 49 रनों पर आउट हो गई थी। यही उसका न्यूनतम स्कोर भी है। इसी ग्राउंड पर होल्कर के खिलाफ यूपी 1952-53 में 53 रन पर आउट हो गई थी। 1934-35 में बारादरी ग्राउंड पटियाला में यूनाइटेड प्रॉविंस की टीम साउथर्न पंजाब के खिलाफ 56 रनों पर, रेलवे के खिलाफ यूपी जवाहर लाल स्टेडियम गाजियाबाद में 2015-16 में 58 रनों पर और 2023-24 में बंगाल के खिलाफ ग्रीनपार्क स्टेडियम कानपुर में 60 रनों में सिमट गई थी यूपी की टीम।

 

 

 

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