– जसकरनवीर सिंह पाल का तीन मैचों में दूसरा शतक, पुखराज मान शतक से चूके
-पारी देर से घोषित करना पड़ा भारी, यूपी को मिले ड्रॉ मुकाबले से तीन अंक
संजीव मिश्र
कानपुर। महत्वपूर्ण क्षणों में यदि आप फैसला लेने में चूक करते हैं, तो उसे सुधारने की गुंजाइश नहीं रहती। यूपी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। मंगलवार को यूपी और पंजाब के बीच मोहाली के मुलानपुर के अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया रणजी मुकाबला ड्रॉ रहा। जसकरनवीर सिंह पाल (नाबाद 115) और पुखराज मान (91) के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई 167 रनों की साझेदारी ने यूपी के लिए जीत की किसी भी संभावना को खत्म कर दिया। पूरे दिन में यूपी के गेंदबाज सिर्फ दो विकेट ही गिरा सके। इस मुकाबले से यूपी को तीन और पंजाब को एक अंक मिला।
पंजाब के दूसरी पारी में तीन विकेट पर 267 रन
यूपी ने पहली पारी के आधार पर जो 346 रनों की लीड ली थी पंजाब के बल्लेबाज अंतिम दिन उसे पूरा नहीं कर पाए। हालांकि इसका कोई मतलब भी नहीं रह गया था, क्योंकि उनका लक्ष्य लीड खत्म करना नहीं बल्कि मुकाबले को सुरक्षित ड्रॉ करवाकर अपने घर में यूपी से सीधी हार का खतरा खत्म करना था, जिसमें वे सफल भी रहे। पंजाब ने अपनी दूसरी पारी में तीन विकेट पर 267 रन बना लिए थे, तभी दोनों अम्पायरों ने किसी नतीजे की संभावना न देखते हुए मैच को यहीं खत्म कर ड्रॉ घोषित कर दिया।
पारी की घोषणा देर से करने का नुक्सान
पंजाब ने अपनी पहली पारी में 210 रन बनाए थे, इसके जवाब में यूपी ने नौ विकेट पर 556 रन बनाकर पहली पारी घोषित कर दी थी। अब आते हैं उस चूक पर जो मैच के तीसरे दिन यूपी के कप्तान और कोच से हुई। विकेट कैसा भी खेल रहा हो जब कोई टीम ढाई सौ रन की लीड बनाने के बाद सामने वाली टीम को पूरे डेढ़ दिन बल्लेबाजी करने की चुनौती देती है तो अक्सर बड़े-बड़े बल्लेबाज भी मैच बचाने के दबाव में गल्तियां कर बैठते हैं और टीम बिखर जाती है।
ड्रेसिंग रूम में बैठ कर अपनी बल्लेबाजी का मजा लेते रहे
पंजाब का सौभाग्य था कि अच्छी खासी बढ़त के बावजूद कप्तान आर्यन जुयाल और अनुभवी कोच सुनील जोशी ड्रेसिंग रूम में बैठ कर अपनी बल्लेबाजी का मजा लेते रहे। लगा जैसे कि वे जीत के खास इच्छुक न हों और शुरुआत से तीन अंकों के लिए ही खेल रहे हों। पारी की घोषणा का निर्णय तब आया जब पंजाब के पास चौथे दिन एक सत्र से भी कम का समय बचा था। उसके बावजूद दबाव में अभय चौधरी का विकेट मिल गया।
तो अंतिम दिन मैच का रिजल्ट यूपी के पक्ष में भी हो सकता था
यही अगर लंच पर या उसके एक घंटे बाद भी पारी की घोषणा कर दी गई होती तो अंतिम दिन मैच का रिजल्ट यूपी के पक्ष में हो सकता था। पारी की घोषणा देर से करने का परिणाम यह रहा कि तीसरे दिन पंजाब को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा, क्योंकि ज्यादातर समय तो यूपी की बल्लेबाजी में ही निकल चुका था। यदि उसके तीन विकेट कल ही गिर चुके होते तो अंतिम दिन बल्लेबाज भारी दबाव में क्रीज पर होते और इसका यूपी के गेंदबाजों को फायदा मिलता।
जसकरनवीर सिंह पाल 94 ओवरों में से 41 ओवर अकेले खेल गए
एमपी के खिलाफ भी 116 रनों की पारी खेल चुके पंजाब के सलामी बल्लेबाज जसकरनवीर सिंह पाल के बल्ले से एक और शतकीय पारी निकली। वह पंजाब की दूसरी पारी में फेंके गए 94 ओवरों में से 41 ओवर अकेले खेल गए। जसकरन चट्टान की तरह यूपी की गेंदबाजी के सामने खड़े रहे और पूरे दिन बल्लेबाजी करने के बाद मैच ड्रॉ करवा नाबाद लौटे। उनके साथ पुखराज मान भी डटे रहे। हालांकि वे नौ रन से शतक से चूक गए।
यूपी तीन मैचों से पांच अंकों के साथ चौथे स्थान पर
पहले दो मैचों के खराब प्रदर्शन से हुए नुक्सान की भरपाई पंजाब के खिलाफ जीत से हो सकती थी लेकिन यूपी ने अब यह अच्छा मौका गंवा दिया है। एलीट ग्रुप सी के चौथे राउंड में यूपी को अब अपना अगला मुकाबला केरल से उसी के घरेलू विकेट पर 6 से 9 नवम्बर तक खेलना है। प्वाइंट टेबल में बंगाल (5 अंक) चौथे और यूपी (5 अंक) पांचवें स्थान पर है, जबकि पंजाब (4) छठे स्थान पर खिसक गई है। हरियाणा (10 अकं) टॉप पर, कर्नाटक (8 अंक) दूसरे और केरल (7 अंक) तीसरे स्थान पर है।