रणजी ट्रॉफी : लगातार 18वीं साल खिताब का सूखा खत्म करने के इरादे से उतेगी यूपी ब्रिगेड

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-बंगाल के खिलाफ शुक्रवार से इकाना स्टेडियम में होगा मुकाबला
-कागज पर बंगाल की टीम यूपी से अनुभव और ताकत में बीस

संजीव मिश्र। लखनऊ। यूपी एक बार फिर खिताब के सूखे को खत्म करने के इरादों के साथ शुक्रवार को रणजी ट्रॉफी 2024-25 सत्र की शुरुआत करने उतरेगी। इस सीजन का उसका पहला मुकाबला भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में शक्तिशाली बंगाल की टीम से होगा, जिसमें उसके गेंदबाजों और बल्लेबाजों को अभिमन्यु ईश्वरन जैसे फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज और आकाशदीप जैसे देश के उभरते तेज गेंदबाज के सामने कड़ी परीक्षा देनी पड़ सकती है।

बंगाल की टीम पेपर में यूपी से कहीं ज्यादा अनुभवी और मजबूत नजर आ रही है। ईश्वरन और आकाशदीप के अलावा रिद्धिमान साहा जैसे अनुभवी और अभिषेक पोरल जैसे युवा बल्लेबाज उसके पास है। बंगाल टीम का नेतृत्व 40 वर्षीय अनुभवी बल्लेबाज अंशतुप मजूमदार संभाल रहे हैं, जबकि यूपी टीम की कमान इस बार युवा विकेट कीपर बल्लेबाज आर्यन जुयाल के हाथों में है, जो 2018 में अंडर 19 विश्व कप में युवा भारतीय टीम का हिस्सा थे, जबकि इस सीजन सेन्ट्रल जोन की देवधर ट्रॉफी के अलावा दलीप ट्रॉफी टीम में भी थे।

यूपी टीम पिछली बार नॉकआउट दौर तक नहीं पहुंच सकी थी। सिर्फ 14 अंकों के साथ अपने ग्रुप में उसका छठवां स्थान रहा था। कोच सुनील जोशी के पास यूपीसीए के सामने अपनी उपयोगिता सिद्ध करने का एक और मौका होगा। इस बार टीम मैनेजमेंट की च्वाइस पर ही यूपीसीए ने घरेलू विकेट पर होने वाले तीनों मैच लखनऊ को दिए हैं। अर्थात इस बार भी यदि खराब प्रदर्शन किया तो टीम मैनेजमेंट का पास सत्र समाप्त होने पर फेस सेविंग का कोई बहाना नहीं होगा, इसलिए कोच सुनील जोशी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी होगी।

18 साल में एक बच्चा युवा हो जाता है और भारत में वोटिंग का अधिकार भी प्राप्त कर लेता है। लेकिन यूपी की रणजी टीम इतने सालों में भी एक रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाती है। पूर्व कप्तान मोहम्मद कैफ और पूर्व कोच राजिन्दर सिंह हंस की जुगलबंदी में यूपी टीम को वर्ष 2005-06 में केडी सिंह बाबू स्टेडियम में बंगाल के खिलाफ फाइनल में जो कामयाबी मिली थी वो दोबारा नहीं दोहराई जा सकी। इसके तमाम कारण गिनाए जा सकते हैं लेकिन इतिहास  सिर्फ परिणाम याद रखता है, जिसमें सच यह है कि यूपी के खाते में रणजी इतिहास में सिर्फ एक ट्रॉफी ही है।

यूपी टीम में बल्लेबाजी का दारोमदार आर्यन जुयाल के अलावा स्वास्तिक चिकारा, प्रियम गर्ग, नितीश राणा, सिद्धार्थ यादव और अक्शदीप नाथ के कंधों पर होगा, जबकि आक्रमण का दायित्व स्लो लेफ्ट आर्म आर्थोडॉक्स स्पिनर सौरभ कुमार जो कि अच्छी खासी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं के साथ ही यश दयाल, अंकित राजपूत, आकिब खान के मजबूत हाथों में होगा। कागज पर तो यूपी की टीम भी काफी मजबूत दिख रही है लेकिन ग्राउंड पर उतरने के बाद 22 गज के अंदर कैसा प्रदर्शन रहता है, बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा।

बता दें कि 32 टीमों को आठ-आठ टीमों के चार ग्रुपों में बांटा गया है, जिसमें हर ग्रुप की शीर्ष दो टीमें नॉकआउट दौर में प्रवेश करेंगी जो कि आठ फरवरी से होने वाले नॉक आउट मुकाबलों में भाग लेंगीं। सेमीफाइनल मुकाबले 17 फरवरी से और फाइनल 26 फरवरी से खेला जाएगा।

यूपी टीम: आर्यन जुयाल (कप्तान), स्वास्तिक चिकारा, प्रियम गर्ग, अक्शदीप नाथ, नितीश राणा, सौरभ कुमार, अंकित राजपूत, आकिब खान, विपराज निगम, यश दयाल, शिवम शर्मा, सिद्धार्थ यादव, माधव कौशिक, विजय कुमार, आदित्य शर्मा, कृतज्ञ सिंह। स्टेण्ड बाई: अटल बिहारी राय, प्रिंस यादव, अभिषेक गोवस्वामी, विनीत पवार, वैभव चौधरी, कार्तिकेय जायसवाल।

बंगाल टीम: अंशतुप मजूमदार (कप्तान), अभिषेक पोरेल, सुदीप चटर्जी, अभिमन्यु ईश्वरन, रिद्धिमान साहा, रितिक चटर्जी, शाबाज अहमद, आकाशदीप, आमिर जानी, सुदीप कुमार घरमी, अविलिन घोष, सूरज सिंधु जायसवाल, मो. कैफ, मुकेश कुमार, प्रदिप्ता प्रमाणिक, रिषव विवेक, रोहित कुमार, शुवम डे, युद्धजीत गुहा।

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