रणजी ट्रॉफी : यूपी को अब इज्जत बचाने के लिए करना होगा बेहतर प्रदर्शन, ट्रॉफी पहुंच से हुई काफी दूर

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– कर्नाटक के खिलाफ मुकाबला बुधवार से, पहले दो मैचों में ही नौ विकेट लेने वाले विपराज निगम की हो सकती है वापसी
– बल्लेबाजी और गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन से यूपी का अभियान लगभग खात्मे की ओर

संजीव मिश्र। कानपुर। पहले चार मैचों से सिर्फ पांच अंक अर्जित करने वाली यूपी टीम को अब अगले तीन मुकाबले सिर्फ इज्जत बचाने के लिए खेलने होंगे। खास कर मेजबान टीम रणजी के पहले चरण को अच्छे प्रदर्शन के साथ खत्म करना चाहेगी। यूपी की रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप सी के पांचवें राउंड में बुधवार से लखनऊ के भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेई स्टेडियम में कर्नाटक के सामने परीक्षा होगी। कर्नाटक नौ अंक लेकर अपने ग्रुप में चौथे स्थान पर है और उसे भी नॉकआउट दौरे में पहुंचने के लिए अगले तीनों मैचों में अच्छे प्रदर्शन की जरूरत है।

पहले चरण का यह अंतिम मुकाबला

यूपी टीम के लिए नॉक आउट के दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं। रणजी ट्रॉफी इस बार दो चरणों में हो रही है। पहले चरण का यह अंतिम मुकाबला होगा। इसके बाद अगला मुकाबला उसे 23 जनवरी को पटना में बिहार के खिलाफ खेलना है। हालांकि यूपी के लिए अब लम्बे गैप से भी कुछ खास होने वाला नहीं है। अगले तीनों मैचों में सीधी जीत के बाद भी दूसरी टीमों की प्वाइंट टेबल की स्थिति ही यूपी के भाग्य का फैसला करेगी। फिलहाल हरियाणा और केरल क्रमश: नम्बर एक और दो के स्थान पर काबिज हैं।

दोनों टीमों ने नेट्स पर समय बिताया

दोनों टीमों ने मंगलवार को इकाना स्टेडियम में मैच से पहले के अंतिम नेट्स में भाग लिया और अपनी तैयारियों को परखा। बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही विकट समस्या से जूझ रही यूपी टीम में एक दो बदलाव की संभावना है। यूपी की बल्लेबाजी लगातार परेशानी का कारण बनी हुई है। केरल के खिलाफ पिछले मैच में दोनों पारियों में कोई भी बल्लेबाज बड़ा स्कोर नहीं कर सका। यहां तक कि फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज और कप्तान आर्यन जुयाल व माधव कौशिक के बैट भी खामोश रहे।

विपराज को भुला देना सबसे बड़ी गलती

लेग स्पिनर विपराज निगम ने घरेलू टर्फ पर अपने डेब्यू मैच में ही बंगाल के खिलाफ इकाना में पहली पारी में चार और दूसरी पारी में दो विकेट लिए थे, जबकि हरियाणा के खिलाफ जयपुरिया ग्राउंड में उन्होंने पहली पारी में तीन विकेट लिए थे। पहले दो मैचों में उनके नाम कुल मिलाकर नौ विकेट थे लेकिन यह प्रदर्शन भी उन्हें पंजाब और केरल के खिलाफ अगले दो मैचों में उन्हें अंतिम एकादश में स्थान नहीं दिला सका। टीम मैनेजमेंट की ऐसी ही चूकें उसके सफर की हवा निकालती रहीं।

विपराज निगम ने डेब्यू मैच में लिए थे छह विकेट

इकाना में बंगाल के खिलाफ डेब्यू मैच में छह विकेट लेने वाले विपराज निगम की इस मैच में वापसी हो सकती है। लेकिन देखना यह भी होगा कि क्या उसके लिए वेटरन लेग ब्रेक गुगली गेंदबाज पीयूष चावला को बाहर बैठाया जाएगा या स्लो लेफ्ट ऑर्म आर्थोडॉक्स स्पिनर सौरभ कुमार बाहर जाएंगे। सौरभ कुमार का यह सत्र अब तक गेंद और बल्ले के साथ खराब ही रहा है। वह फिलहाल टीम की सबसे कमजोर कड़ी होने के बावजूद टीम में बने हुए हैं। संभव है इस बार टीम प्रबंधन उनके पिछले प्रदर्शन को देखकर अंतिम एकादश का चयन करे।

पहला चरण यूपी के लिए बेहद खराब रहा

पहला चरण यूपी के लिए बेहद खराब रहा है। पंजाब के खिलाफ सिर्फ एक पारी में पांच सौ से ज्यादा रन बनाना और तीन अंक लेना ही उसकी उपलब्धि मानी जा सकती है। केरल के खिलाफ पिछले मैच की हार ने उसके अभियान को एक तरह से समाप्त ही कर दिया है। अगले चरण में उसके पास दो मैच और होंगे। लेकिन बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि कर्नाटक के खिलाफ उसका प्रदर्शन कैसा रहता है।

दूसरा चरण लम्बे गैप के बाद 23 जनवरी से

इस बार से रणजी ट्रॉफी के शैड्यूल को दो चरणों में बांटने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि दिसम्बर और जनवरी में देश के कई भागों में सर्दी के मौसम में पड़ने वाले कोहरे की मार मुकाबलों में न पड़े। हर बार इस समस्या से टीमों को जूझना पड़ता था और इससे रिजल्ट भी प्रभावित होते थे। इस बार खिलाड़ियों की मांग पर रणजी को दो चरणों में कराने का फैसला लिया गया। पहले चरण के मुकाबले 11 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक और फिर बाकी दो दौर के मुकाबले लम्बे गैप के बाद 23 जनवरी से शुरू होंगे। उसके बाद नॉक आउट दौर के मैच होंगे।

 

 

 

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