जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को मासूम पर्यटकों को पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों द्वारा गोली से उड़ाने की घटना ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को भी अंदर तक झकझोर दिया है। बता दें कि इस हमले में गावस्कर के राज्य महाराष्ट्र और उनके ससुराली शहर कानपुर ने भी अपने बेटे खो दिये हैं। इस बर्बरता पूर्ण कायराना हमले पर पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का भी दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि हिंसा का परिणाम कभी अच्छा नहीं होता।
आाज तक की रिपोर्ट के मुताबिक गावस्कर ने इस हमले की निंदा करते हुए इस तरह की हिंसा के पीछे के मकसद पर सवाल उठाया है। सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। इसने हम सभी भारतीयों को प्रभावित किया है। मैं आतंकियों, आंतकियों के सपोर्टर्स और उनके आकाओं से बस एक सवाल पूछना चाहता हूं कि इस लड़ाई से क्या हासिल हुआ?’
सुनील गावस्कर ने आगे कहा, ‘पिछले 78 वर्षों में एक मिलीमीटर जमीन भी हाथों-हाथ नहीं बदली है, इसलिए अगले 78,000 सालों तक और उसके बाद भी कुछ नहीं बदलने वाला है। तो क्यों न हम शांति से रहें और अपने देश को मजबूत बनाएं? यही मेरी अपील है।’ गावस्कर का बयान ऐसे समय में आया है, जब क्रिकेट जगत और पूरा देश इस दुखद हमले का शोक मना रहा है।
काली पट्टी बांधकर उतरे थे खिलाड़ी
23 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के बीच हुए इंडियन प्रीमियर लीग के मैच के दौरान दोनों टीमों ने हमले में जान गंवाने वाले लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा। बाद में खिलाड़ी और अंपायर्स सम्मान के तौर पर इस मैच में काली पट्टी बांधकर उतरे थे।
बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने 5 बड़े फैसले लिए। पहले फैसले के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित ऑटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद किया जाएगा। दूसरा फैसला है कि पाकिस्तान में मौजूद भारत का दूतावास अब बंद किया जाएगा। यह कूटनीतिक रिश्तों में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
इसके साथ ही भारत ने तीसरा कड़ा कदम उठाते हुए इंडस वॉटर ट्रीटी (जल संधि) को भी रोक दिया। इसका असर पाकिस्तान के ऊपर काफी बड़े स्तर पर पड़ेगा। चौथा फैसला यह है कि भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनायिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही पांचवां और अहम फैसला है कि अब पाकिस्तानियों को भारत का वीजा नहीं मिलेगा।