बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में बाहर की गेंदों से छेड़छाड़ टीम इंडिया के लिए काफी भारी पड़ रही

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-गाबा टेस्ट में भी टीम इंडिया की हालत खराब, विकेट थ्रो करके पवेलियन में आराम फरमा रहे दिग्गज

विराट कोहली जब आस्ट्रेलिया पहुंचे भी नहीं थे, वहां के अखबारों ने उनको लेकर बड़े-बड़े आर्टिकल लिख डाले थे और अपने गेंदबाजों के अंदर उनके अतीत के प्रदर्शन का खौफ भर दिया था। पर्थ के पहले टेस्ट की दूसरी पारी में जब विराट के बल्ले से शतकीय पारी निकली तो आस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गजों ने यहां तक कहना शुरू कर दिया था कि पहले ही टेस्ट में कोहली ने शतक ठोककर पूरे टूर के लिए आस्ट्रेलियाई आक्रमण के सामने चुनौती खड़ी करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन उसके बाद हुआ क्या?

पिछली तीन पारियों में एक ही सी गलती करते हुए वे अपना विकेट थ्रो करके सस्ते में लौट रहे हैं। गेंदबाजों में उनका खौफ खत्म हो चुका है। वे जानते हैं कि चौथे पांचवें स्टम्प पर गेंदबाजी करके कोहली को आसानी से आउट किया जा सकता है। और हो भी ऐसा ही रहा है। पहले संजय मांजरेकर और चेतेश्वर पुजारा, फिर अपने समय के महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने उनकी ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंदों पर खेलने की आदत को प्वाइंट आउट किया। ब्रिस्बेन में गाबा के विकेट पर भी विराट कोहली की गल्तियों का रिप्ले जारी रहा। लेकिन उनकी छठवें सातवें स्टम्प से गुजरती बॉल से छेड़छाड़ ने टीम इंडिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के एक और मैच में हार की पटकथा लिखनी शुरू दी है।

हालांकि तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया के लिए बारिश राहत बनकर आई है। बारिश से आठ बार पड़ी बाधा के बीच मैच के तीसरे दिन भारत ने अपनी पहली पारी में सिर्फ 51 रनों पर 4 विकेट खो दिए थे। चौथे दिन भी बारिश की संभावना है। इन्द्रदेव की कृपा जारी रही तो यह मैच टीम इंडिया बचा ले जाएगी। इस टेस्ट मैच के पहले दिन बारिश के कारण 15 ओवर का खेल भी नहीं हुआ था, लेकिन दूसरे दिन पूरा खेल हुआ। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रन बनाए। एलेक्स कैरी ने 70 रनों की पारी खेली। सुबह बुमराह, सिराज और आकाशदीप ने तीन विकेट आपस में बांट लिए। बुमराह ने इस पारी में कुल 6 विकेट लिए।

तीसरे दिन फिर सुबह से ही मैदान के ऊपर काले बादलों ने डेरा डाल दिया। इसके बाद रुक-रुक कर बारिश शुरू हो जाती और टीमें पवेलियन लौट जात्तीं। पूरे दिन मैदानकर्मियों की खिलाड़ियों से कहीं ज्यादा मशक्कत रही। अंतत: खेल खराब रोशनी के कारण रोकना पड़ा। उस समय तक भारतीय टीम का स्कोर 17 ओवर के बाद 51 रन ही हुआ था जबकि यशस्वी जयसवाल (4), शुभमन गिल (1), विराट कोहली (3) और रिषभ पंत (9) आउट हो चुके थे। इन चार विकेटों में सिर्फ पंत ही ऐसे बल्लेबाज थे जो एक अच्छी गेंद पर आउट हुए।

यशस्वी ने पहले ही ओवर में मिचेल स्टार्क की लेग स्टम्प की गेंद पर फ्लिक करने की कोशिश की लेकिन स्क्वॉयर लेग पर ऊपर ही खड़े मिचेल मार्श को सीधे हाथ में कैच थमा बैठे। शुभमन गिल भी स्टार्क की ऑफ स्टम्प के बाहर की गेंद पर खेलने गए और तीसरी स्लिप में मिचेल मार्श के शानदार कैच से लौटने को मजबूर हो गए। विराट कोहली तो हेजलवुड की विकेट से काफी दूर निकलती एक गेंद को खेलने के प्रयास में बल्ले का एज दे बैठे और विकेट कीपर कैरी इसके लिए पहले से तैयार थे। इस समय तक स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 22 रन ही लगे थे।

इसके बाद रिषभ पंत को कमिंस की एक शानदार गेंद पर अपना विकेट गंवाना पड़ा। यह गेंद मिडल स्टम्प पर पड़कर ऑफ स्टम्प के बाहर निकल रही थी। पंत के बल्ले का एज लेकर निकला कैच कैरी के दस्तानों में जा घुसा। स्टम्प के समय केएल राहुल 33 और कप्तान रोहित शर्मा बिना खाता खोले खेल रहे थे। टीम इंडिया अभी भी 394 रनों से पीछे है। यदि अगले दो दिन पूरा खेल होता है तो उसके लिए मैच बचाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

 

 

 

 

 

 

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