सभी के प्रति हार-जीत से उठकर समान भावना रखने का संदेश देने वाले खेलों के दौरान भी कभी-कभी अजीबो गरीब स्थितियां पैदा हो जाती हैं। ऐसा ही एक मामला नीदरलैंड के विज्क ऑन जी में चल रही टाटा स्टील शतरंज प्रतियोगिता के दौरान सामने आया है, जब उज्बेकिस्तानी खिलाड़ी ने मुकाबले से पहले यह कहते हुए भारतीय महिला प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया कि मैं धार्मिक कारणों से पराई महिलाओं को नहीं छूता हूं। इसके लिए उज्बेक खिलाड़ी ने बाद में महिला खिलाड़ी से माफी भी मांग ली। हालांकि 2019 में ग्रैंडमास्टर बनने वाले नोदिरबेक याकुबोएव भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली से यह बाजी हार गए।
बता दें कि शतरंज खिलाड़ी मुकाबले से पहले एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं या नमस्ते करते हैं लेकिन याकुबोएव ने चौथे दौरे के मुकाबले से पहले भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो नोदिरबेक याकुबोएव ने न सिर्फ ऐसा करने की वजह बताते हुए सफाई दी, बल्कि उन्होंने वैशाली से माफी भी मांगी। उज्बेक खिलाड़ी ने कहा कि वो धार्मिक कारणों से पराई महिलाओं को नहीं छूते हैं।
उज्बेक खिलाड़ी ने साल 2023 में दिव्या देशमुख से मुकाबले के दौरान भी कुछ ऐसा ही किया था। नोदिरबेक याकुबोएव ने एक्स पर लिखा, ‘प्रिय शतरंज मित्रों, मैं वैशाली के साथ खेल में हुई स्थिति के बारे में बताना चाहता हूं। महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरा सम्मान है। मैं सभी को सूचित करना चाहता हूं कि मैं पराई महिलाओं को धार्मिक कारणों से नहीं छूता हूं। मैं वैशाली और उनके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के तौर पर सम्मान करता हूं। अगर मेरे व्यवहार से उन्हें ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं, मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं:
1. ‘शतरंज हराम नहीं है.’
2. ‘मैंने पहले जो किया (2023 में दिव्या के साथ खेल में और उसी तरह के अन्य मामलों में), मैं इसे अपने लिए गलत मानता हूं।’
3. मैं वही करता हूँ जो मुझे करना चाहिए। मैं दूसरों से ये आग्रह नहीं करता कि वो विपरीत जेंडर से हाथ न मिलाए। मैं महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने के लिए आग्रह नहीं करता। यह उनका काम है कि वे क्या करते हैं।’
नोदिरबेक याकुबोएव ने आगे लिखा, ‘आज मैंने इरिना बुलमागा (रोमानिया की चेस प्लेयर) को इसके बारे में बताया। वह इसके लिए सहमत हो गईं। लेकिन जब मैं खेल हॉल में आया, तो निर्णायकों ने मुझसे कहा कि मुझे कम से कम नमस्ते तो करना चाहिए। दिव्या और वैशाली के साथ मुकाबले से पहले उन्हें इसके बारे में नहीं बता सका और एक अजीब स्थिति बन गई।
साल 2019 में ग्रैंडमास्टर बनने वाले 23 वर्षीय नोदिरबेक याकुबोएव बाजी हार गए और चैलेंजर्स वर्ग में आठ दौर के बाद उनके तीन अंक हैं। वैशाली ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया। आठ दौर के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं। प्रतियोगिता में पांच और दौर खेले जाने बाकी हैं। बता दें कि आर. वैशाली भारतीय चेस खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञानानंद की बहन हैं।