विराट, रोहित और अश्विन से आगे सोचने का वक्त, इंग्लैंड दौरे के लिए इनका दावा सबसे मजबूत

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-संजीव मिश्र

‘हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है। बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।।’ प्रसिद्ध शायर अल्लामा मो. इकबाल की ये पंक्तियां अक्सर हमारे देश में किसी न किसी महान शख्सियत पर सजती रही हैं। क्रिकेट की बात की जाए तो बिशन सिंह बेदी, सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, कपिलदेव, सचिन तेंदुलकर, मिथाली राज के बाद विराट कोहली के रूप में टेस्ट क्रिकेट का एक और कोहिनूर हमारी टीम से दूर हो चुका है। कोई उसके लिए भारत रत्न की मांग कर रहा है तो कोई सम्मानजनक विदाई देने के लिए एक फेयरवेल टेस्ट की। यह अपने प्रिय क्रिकेटर के लिए फैन्स का प्यार है।

यही कड़वी सच्चाई है

दूसरी ओर इन सब चर्चाओं से अलग नई टीम इंडिया खड़ी करने की प्रक्रिया चल पड़ती है, मानो सेलेक्टर्स ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ के इंतजार में ही थे। यही कड़वी सच्चाई है, खिलाड़ी आते हैं और अपनी-अपनी पारी खेल कर चले जाते हैं। जब विराट जैसे खिलाड़ी जाते हैं तो उनके चाहने वालों को यही लगता है कि अभी तो टीम में उनकी फिटनेस सबसे अच्छी थी। तीन साल का क्रिकेट और बाकी था, थोड़ा और खेल लेते। खिलाड़ी भी कब खुशी-खुशी क्रिकेट छोड़ने को तैयार होता है, उसके मन में तो कब से यही चलता रहता है कि थोड़ा है, थोड़े की जरूरत है। इसी थोड़े और के लालच में वह गिरते आंकड़ों और खराब फॉर्म से बेखबर खेलता जाता है, खेलता जाता है। और फिर एक दिन एस्कीलेटर की तरह उसके लम्बे कॅरिअर में कब जमीन आ जाती है उसे पता ही नहीं चलता। खैर! ऐसा होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। कुछ दिनों बाद विराट कोहली चैप्टर भी इतिहास बन जाएगा। हो सकता है कि अगली जब कोहली पर लिखूं तो पढ़ने वालों को भी ऊब महसूस होने लगे। बहरहाल यह सच है कि हम सालों बाद बिना विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर. अश्विन के इंग्लैंड के दौरे पर जाने के लिए कील कांटे दुरुस्त कर रहे हैं।

टीम फिर बदलाव के दौर से गुजर रही

टीम इंडिया अगले माह इंग्लैंड के दौरे पर रवाना होगी। 20 जून से हेडिंग्ले में शुरू होने जा रही पांच मैचों की सीरीज के साथ ही उसका नया विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप राउंड भी शुरू हो जाएगा। हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजित अगरकर की चयन समिति इस सीरीज के लिए टीम चुनने की कसरत में लगी है। टीम इंडिया फिर बदलाव के दौर से गुजर रही है। फैब फोर की विदाई के बाद विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और आंजिक्य रहाणे ने टीम इंडिया को बखूबी संभाला था। अब एक के बाद एक तीन सीनियर्स रविचन्द्रन अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास ने टीम इंडिया के सामने फिर संभलने की चुनौती खड़ी कर दी है। हालांकि इन तीनों का पिछले कुछ सालों, खासकर पिछली तीन सीरीज में खास योगदान नहीं रहा है लेकिन ड्रेसिंग रूम में इनके अनुभव टीम के बड़े काम आते थे।

युवा खिलाड़ी मौका लपकने को तैयार

टैलेंट भरपूर है और युवा खिलाड़ी मौका लपकने को तैयार हैं, इसलिए टीम इंडिया पर इन दिग्गजों के जाने का लम्बे समय तक असर पड़ेगा ऐसा लगता नहीं है। लेकिन फिलहाल जो सबसे बड़ा संकट है वो है टीम के स्थाई खिलाड़ियों की फॉर्म। पिछली न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान एक दो टेस्ट छोड़ दिए जाएं तो भारतीय खिलाड़ी फॉर्म के लिए खूब जूझते रहे थे, इसलिए इनकी फॉर्म को लेकर अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। तीन सीनियर्स के संन्यास के बाद चयनकर्ताओं के सामने मजबूत टीम देने का दबाव होगा लेकिन देश में इतना टैलेंट है कि 25-26 खिलाड़ियों में से 15 खिलाड़ी चुनना उनके लिए कतई आसान नहीं होगा।

चयनकर्ता बुमराह पर रिस्क लेने को तैयार नहीं

सबसे पहले इंग्लैंड जाने वाली टीम के सरदार पर बात करते हैं। साफ दिख रहा है कि कप्तानी की दौड़ में शुभमन गिल काफी आगे निकल चुके हैं। कुछ पूर्व खिलाड़ी इस महत्वपूर्ण दौरे पर अनुभवी जसप्रीत बुमराह को टीम की कमान सौंपने के पक्ष में हैं। लेकिन चयनकर्ता यह रिस्क इसलिए नहीं लेना चाहते, क्योंकि वे पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि बुमराह के सामने अंतिम टेस्ट तक फिटनेस की समस्या नहीं आएगी। कुछ समय पहले तक रिषभ पंत भी सेलेक्टर्स की निगाह में थे लेकिन आस्ट्रेलिया में महत्वपूर्ण मौकों पर उनके गैर जिम्मेदाराना शॉट्स से उनमें गंभीरता का अभाव दिखा, इसलिए अब वे इस दौड़ से पिछड़ गए हैं। फिलहाल उन्हें उपकप्तानी का दावेदार माना जा सकता है। वह मुख्य विकेट कीपर की भूमिका में भी दिखेंगे।

चौथे नंबर के लिए चार दावेदार 

इस टूर पर टीम इंडिया को पांच टेस्ट खेलने हैं। जहां तक ओपनिंग की बात है तो यशस्वी जयसवाल और केएल राहुल इस भूमिका के लिए तैयार हैं। यह जोड़ी आस्ट्रेलिया में भी सफल रही थी। चौथे नंबर पर विराट कोहली की जगह कौन लेगा यह अभी तय नहीं है। हालांकि इस स्थान के लिए शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, करुण नायर और सरफराज खान के रूप में चार दावेदार हैं। घरेलू क्रिकेट में शतकों की झड़ी लगाने वाले करुण नायर की 2017 के बाद टेस्ट में वापसी लगभग तय मानी जा रही है। ईशान किशन ए टीम के साथ जा रहे हैं लेकिन मुख्य टीम में उनकी जगह बनना मुश्किल है।

नीतीश कुमार रेड्डी को शार्दूल ठाकुर से चुनौती

आस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा प्रभावित करने और एक शतक लगाने वाले ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी का चयन लगभग तय है, उनको यदि कोई चुनौती दे सकता है तो वह ऑलराउंडर शार्दूल ठाकुर ही होंगे, क्योंकि इंग्लैंड में शार्दूल की स्विंग गेंदबाजी प्रभावी हो सकती है, जबकि बल्लेबाज तो वह अच्छे हैं ही। जहां तक भारतीय आक्रमण का सवाल है तो इंग्लैंड के वातावरण में हमारे पास स्विंग के साथ अच्छा पेस अटैक मौजूद है। खासकर जसप्रीत बुमराह की मारक गेंदबाजी टीम इंडिया के लिए संभावनाओं के दरवाजे खोल सकती है। बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ 14 टेस्ट में 37 विकेट ले चुके हैं। यदि उनकी फिटनेस बरकरार रहती है और वे सभी पांच टेस्ट खेलते हैं तो जान लीजिए कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए कठिन चुनौती पेश होने जा रही है।

अर्शदीप सिंह पर चयनकर्ताओं को भरोसा दिखाना होगा

यदि अर्शदीप सिंह इस दौरे की टीम में दिखते हैं तो वे बुमराह के अच्छे जोड़ीदार साबित हो सकते हैं। लेकिन आश्चर्य यह है कि चयनकर्ता टेस्ट में उन पर ज्यादा भरोसा नहीं दिखा पाते हैं। लम्बे समय बाद मोहम्मद शमी टेस्ट टीम में वापसी की राह देख रहे हैं। हालांकि टीम इंडिया के सेलेक्टर्स और हेड कोच गौतम गंभीर यदि भविष्य की टीम बना रहे हैं तो शमी के लिए जगह कैसे निकल पाती है यह देखना होगा। आकाश दीप, मोहम्मद सिराज, खलील अहमद, हर्षित राणा और प्रसिद्ध कृष्णा सेलेक्टर्स के पास अन्य अच्छे विकल्प हैं। केरल के खिलाफ रणजी में सभी 10 विकेट लेने वाले हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कम्बोज आउट ऑफ सिलेबस इन्ट्री मारें तो आश्चर्य नहीं होगा।

कुलदीप और जडेजा ही स्पिन संभालेंगे!

इंग्लैंड के विकेट्स पर स्पिनरों का ज्यादा रोल नहीं रहता है, इसलिए दो से ज्यादा विशेषज्ञ स्पिनरों को टीम में जगह मिलनी मुश्किल है। सीमित चुनाव में कुलदीप यादव और ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ही चयनकर्ताओं की पसंद होंगे। तीसरा विकल्प वाशिंगटन सुंदर हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार 15 की टीम इंडिया में इन खिलाड़ियों को जगह मिल सकती है-

1. यशस्वी जयसवाल
2. केएल राहुल
3. शुभमन गिल
4. श्रेयस अय्यर या सरफराज खान
5. रिषभ पंत
6. करुण नायर
7. साईं सुदर्शन
8. निशीथ कुमार रेड्डी या शार्दूल ठाकुर
9. जसप्रीत बुमराह
10. अर्शदीप सिंह
11. आकाश दीप
12. मोहम्मद शमी या अंशुल कंबोज
13. मोहम्मद सिराज या प्रसिद्ध कृष्णा
14. रविन्द्र जडेजा
15. कुलदीप यादव
रिजर्व: अभिमन्यु ईश्वरन, देवदत्त पड्डिकल, रजत पाटीदार, ध्रुव जुरेल, हर्षित राणा, खलील अहमद, वाशिंगटन सुंदर।

 

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