फिर उसी चर्चित खेल को लेकर खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि लड़कियों की एक अंडर-19 टीम में पिछले दरवाजे से चुपचाप घुसपैठ करवाई जा रही है। दो तीन खिलाड़ी तो घुस भी चुकी हैं, जबकि बाकी आने के लिए तैयार बैठी हैं। और हां एक सुपर सलेक्टर के शहर की लड़की भी संभावितों में दबे पांव घुस आई है। खिलाड़ियों की सूची 40 से 43 तक पहुंच चुकी है अभी यह सूची और कितनी लम्बी होगी, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि इसके पीछे ‘दामाद जी’ के नाम से मशहूर एक महोदय की कसरत चल रही है।
लगभग हर टीम में इसी तरह से करवाई जाने वाली इन्ट्री से इस खेल के संघ पर बढ़ रहे खर्च की किसी को जरा फिक्र नहीं है। और हो भी क्यों, पैसा तो ऊपर से आ ही रहा है, जबकि हिसाब किसी से लिया नहीं जा सकता। सुना है राजधानी के जिस होटल में इनमें से 40 लड़कियों को ठहराया गया है उसका टैरिफ ठीक-ठाक है। लेकिन जब बैक डोर से घुसपैठ करने वाले वर्मा जी-शर्मा जी का संघ के ही कुछ कर्ता-धर्ता पलक पावड़े बिछाए स्वागत को तैयार बैठे हों तो खर्च बढ़ने की फिक्रआखिर किसको और क्यों होनी है?
इस वर्ग की टीम के ट्रायल गत जुलाई में हो चुके थे लेकिन अब सुना है कि शुक्रवार को राजधानी में फिर से लड़कियों का ट्रायल करवा दिया गया। अभिभावक खफा है कि आखिर यह क्यों किया जा रहा है? लेकिन वे कहें किससे, बेटी का कॅरिअर जो अभी बनना है। अब शुक्रवार को यह ट्रायल था या ट्रायल कम कैंप इसका तो पता नहीं लेकिन बताते हैं कि संभावितों में 43 लड़कियां शामिल हो चुकी हैं। खास और चौंकाने वाली बात यह कि इनमें वे दो लड़कियां गायब हैं जो पिछले सत्र फाइनल तक पहुंची इस टीम में शामिल रही थीं। बताते हैं कि वे अभी ओवरएज भी नहीं हुई हैं। एक बात और चौंका रही है कि दोबारा कथित ट्रायल राजधानी में कराने की जरूरत क्यों आन पड़ी जब आपके संघ के शहर में आसानी से यह ट्रायल हो सकते थे? लेकिन हमें क्या करना है। ऐसी शिकायतें तो अब इस संघ के दरवाजे से टकरा-टकरा कर दम तोड़ती रही हैं तो किसी को क्या फर्क पड़ने वाला है। किसी ने ठीक ही तो कहा है कि
“हम ही तरकीब करें कोई उजालों के लिए
अब अँधेरा तो चराग़ों को जलाने से रहा “