यूपीसीए अगले सत्र से चयन प्रक्रिया को लेकर करने जा रहा है कई बड़े बदलाव, खिलाड़ी हैं तो जरूर जान लीजिए

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रणजी ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन के बाद यूपीसीए ने अगले सत्र से सभी बोर्ड ट्रॉफियों के लिए कुछ बड़े परिवर्तन के फैसले लिए हैं, ताकि यूपी को फिर से क्रिकेट का पावर हाउस बनाया जा सके। एक पदाधिकारी ने कहा कि ये फैसले अमल में आने के बाद क्रिकेट के विकास को रोका नहीं जा सकेगा। तो जरा आप भी जान लीजिए वे बदलाव क्या हैं जो अगले सत्र से दिख सकते हैं।

  • नेट पर ट्रायल की प्रक्रिया खत्म कर देगा दो-दो ट्रायल मैच, उनमें प्रदर्शन के आधार पर होगा चयन
  • क्रिकेट डवलपमेंट कमेटी की बैठक में कई महत्वपूर्ण बदलावों का फैसला, एपेक्स कमेटी के समक्ष रखे जाएंगे सभी बदलाव
  • महीने पहले ही चुन लिए जाएंगे 30 खिलाड़ी, दिसम्बर में नए सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी

कानपुर। यूपीसीए अगले सत्र की शुरुआत कई आमूल-चूल बदलावों के साथ करेगा। यूपीसीए के कमला क्लब स्थित मुख्यालय में मंगलवार को हुई डवलपमेंट कमेटी की पहली बैठक में यूपी क्रिकेट के लगातार गिरते स्तर को सुधार कर फिर से राज्य को क्रिकेट का पावर हाउस बनाने के लिए मंथन किया गया। इस दौरान यूपी क्रिकेट के विकास को लेकर कई फैसले भी लिए गए, जिनमें एपेक्स कमेटी की बैठक में मुहर लगने की संभावना है।

15 फरवरी तक जिलों को अपनी टीमें बनाना अनिवार्य

एक पदाधिकारी ने बताया कि यूपीसीए ने दशकों से चल रही नेट पर रणजी और विभिन्न एज ग्रुप के ट्रायल लेने की प्रक्रिया खत्म करने का फैसला लिया है। इसके लिए 15 फरवरी तक हर हाल में सभी डिस्ट्रिक्ट को अपनी टीमें बनाकर तैयार करनी होंगी। यूपीसीए स्तर पर बाकी चयन प्रक्रिया मार्च-अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन 31 दिसम्बर तक पूरा करवा लिया जाएगा। पहले खिलाड़ी ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लाई करते थे और ऑनलाइन ही अपने डाकूमेंट्स भी अपलोड कर देते थे। इससे कागजों की जांच या तो हो ही नहीं पाती थी, या उसमें काफी वक्त लग जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खिलाड़ी को रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन एप्लाई करने के बाद अपने डिस्ट्रिक्ट के पास जरूरी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी और फीस मैन्युवल जमा करनी होगी।

चार महीने पहले ही चुन ली जाएंगी टीमें

अब सीजन शुरू होने से चार महीने पहले डिस्ट्रिक्ट, इंटर डिस्ट्रिक्ट, जोन और इंटर जोनल ट्रायल से सलेक्ट होकर आने वाले खिलाड़ियों को दो-दो ट्रायल मैचों के जरिए टैलेंट दिखाने का अवसर दिया जाएगा। इनमें प्रदर्शन के आधार पर ही नए और पिछले सत्र के चुनिंदा खिलाड़ियों को मिलाकर 50 का एक ग्रुप तैयार किया जाएगा। इससे चयन में पारदर्शिता रहेगी और जो खिलाड़ी परफॉर्म करेगा उसकी अनदेखी नहीं हो पाएगी। अभी नेट में ट्रायल के दौरान कई अच्छे खिलाड़ी भी कट जाते थे। इसके बाद इन्हीं 50 में से 30 खिलाड़ी शॉर्ट लिस्ट कर उनका कैम्प लगाया जाएगा। इसमें 20 मुख्य खिलाड़ी और 10 स्टैंड बाई होंगे। चार महीने इन्हीं खिलाड़ियों को बोर्ड ट्रॉफियों के लिए तैयार किया जाएगा।

बोर्ड से फिक्सचर जारी होते ही ग्रुप की टीमें आपस में खेलेंगी

बोर्ड से फिक्सचर जारी होते ही यूपी के संभावित 30 खिलाड़ियों को बोर्ड ट्रॉफियों के मुकाबले शुरू होने से पहले उन्हीं टीमों के साथ अभ्यास मुकाबले करवाए जाएंगे, जो उनके ग्रुप में होंगी। इसके तहत ग्रुप की टीमों को बुलाकर और उनके राज्य में जाकर उन टीमों के खिलाफ तैयारी मैच करवा क्वालिटी प्रैक्टिस दी जाएगी। इससे ग्रुप में शामिल टीमों को एक दूसरे के विकेटों और जहां मैच खेलने है उस शहर के मौसम के बारे में पहले से ही जानकारी हो सकेगी, जो मैच के दौरान उनके काफी काम आएगी।

कमेटी में मौजूद पूर्व क्रिकेटर भी साल भर व्यस्त रहेंगे

टीम का चयन अब चूंकि चार महीने पहले ही हो जाएगा, तो 30 खिलाड़ियों को बोर्ड ट्रॉफियों के लिए तैयार करने के लिए यूपी के उन पूर्व राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों से बतौर बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग कोच सेवाएं ली जाएंगी जो पहले ही यूपीसीए की विभिन्न कमेटियों में हैं। इसका फायदा यह होगा कि सभी खिलाड़ी पूरे सीजन क्या कर रहे हैं यह भी पता रहेगा और जिन पूर्व क्रिकेटरों के पास विभिन्न कमेटियों में बहुत ज्यादा व्यस्तता नहीं होती है, उन्हें भी पूरे साल काम मिल सकेगा। बता दें कि यूपीसीए अधिकांश कमेटियों में शामिल पदाधिकारियों और पूर्व खिलाड़ियों को भुगतान भी करता है लेकिन इन कमेटियों के पास ज्यादा काम नहीं होने की वजह से ये पैसा लगभग बेकार ही जाता है और ये पूरा साल सिर्फ यूपीसीए की साइट में ही दिखने भर की शो कमेटियां बनकर रह जाती हैं। लेकिन अब इनमें शामिल पूर्व खिलाड़ी मैदान पर भी नजर आएंगे।

30 खिलाड़ियों को हर तरह के विकेट पर अभ्यास करवाएंगे

30 खिलाड़ियों का जो ग्रुप बनाया जाएगा, उन्हें बोर्ड ट्रॉफी मुकाबले से पहले अपने स्टेट के उन जिलों में जहां अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है वहां हर मिजाज के विकेट पर खेलने के लिए भेजा जाएगा। यूपीसीए अब सभी जोनों का रिव्यू सिस्टम भी बनाने जा रहा है। यूपीसीए अपने जिलों को अच्छे और खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुताबिक ए, बी और सी कैटेगरी में बांटने जा रहा है। इसके बाद सी कैटेगरी को बी, बी को ए और ए को ए प्लस में लाने के लिए काम किया जाएगा।

कुछ जिलों में अब भी क्रिकेट का बुनियादी ढांचा नहीं

कुछ जोन और डिस्ट्रिक्ट ऐसे हैं जहां हर साल यूपीसीए से अच्छी धनराशि मिलने के बावजूद वहां क्रिकेट का बुनियादी ढांचा तक डवलप नहीं हो पाया है। वे अपने यहां खिलाड़ियों को पीली मिट्टी के विकेट बनाकर अभ्यास करवाते हैं। अब जिन जोनों में क्रिकेट के लिए अच्छी सुविधाएं नहीं हैं, उनके खिलाड़ियों को सबसे नजदीक सुविधा वाले जिले में खेलने के लिए भेजा जाएगा। इस दौरान उनके जोन में बुनियादी ढांचे को मजबूत करवाया जाएगा, ताकि खिलाड़ियों को अपने ही जिलों या उसके पास अभ्यास का मौका मिल सके।

क्या इन बदलावों को अंदर से भी हरी झंडी मिलेगी?

यह बदलाव अमल में आते हैं तो यूपी क्रिकेट की हालत सुधरने में देर नहीं लगेगी। लेकिन एक सवाल यह भी है कि क्या इन साकारात्मक बदलावों को संघ के अंदर से हरी झंडी मिल सकेगी, क्योंकि यदि सच में इन पर अमल हो गया तो कई दुकानों के शटर भी तो गिर जाएंगे। ऐसे में यह क्रिकेट की बेहतरी के लिए कागज पर उकेरी गई एक कसरत भर ही है तो आगे भी ऐसा ही चलेगा जैसा सालों से चल रहा है। लेकिन यदि यह सोच धरातल पर आती है तो आने वाले कल में यूपी क्रिकेट का सितारा चमका भी सकती है। बैठक की अध्यक्षता कमेटी के चेयरमैन राकेश मिश्रा ने की, जबकि इस दौरान सचिव अरविन्द श्रीवास्तव, रियासत अली, अंकित चटर्जी, उबैद कमाल, अपराजिता बंसल, प्रशान्त गुप्ता, सचिन शुक्ला, सिद्धार्थ यादव, विकास आदि मौजूद थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

डवलपमेंट कमेटी की बैठक

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