लखनऊ। कभी ऐसा भी था कि भारतीय हॉकी टीम में यूपी के कई खिलाड़ी खेला करते थे। लेकिन जब मॉर्डन हॉकी का विस्तार हुआ तो पूरे देश से प्रतिभाएं मिलने लगीं। यूपी के खिलाड़ियों की धाक भी कुछ कम हुई। लेकिन एक बार फिर इस प्रदेश के खिलाड़ियों ने पुराने दिनों की रौनक लौटाने की उम्मीद जगाई है।
शनिवार को उत्तर प्रदेश ने 42वीं अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू पुरुष आमंत्रण प्राइजमनी हॉकी प्रतियोगिता में पहली बार खिताबी जीत दर्ज कर अपना खम ठोंक दिया है।
वहीं इस टूर्नामेंट से इतर यूपी का हॉकी का सफर देखें तो पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम में उत्तर प्रदेश के ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने अपनी धाक जमाई।
वहीं एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता भारतीय हॉकी टीम में उत्तर प्रदेश के चार खिलाड़ियों को और जोहोर कप के लिए चयनित भारतीय जूनियर हॉकी टीम में यूपी के पांच खिलाड़ियों को जगह मिली थी।
वहीं यूपी ने इस माह के शुरुआत में हुई 14वीं सब जूनियर हॉकी इंडिया सब जूनियर नेशनल पुरुष चैंपियनशिप का खिताब हरियाणा को 7-3 से हराकर जीता और साथ ही यूपी के सब जूनियर लड़कों ने खिताबी हैट-ट्रिक भी लगाई। वहीं इससे पूर्व राष्ट्रीय जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में यूपी की टीम दूसरे स्थान पर रही थी।
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दूसरी ओर बात अगर अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू पुरुष आमंत्रण प्राइजमनी हॉकी प्रतियोगिता की करें तो ये भी कहा जा सकता है उत्तर प्रदेश की टीम ने 38 साल बाद खिताब जीता लेकिन साल 1978 में यूपी की एक टीम लखनऊ एकादश के नाम से खेली थी और खिताब भी जीता था। वहीं 1986 में यूपी हास्टल टीम इंडियन एयरलाइंस के साथ संयुक्त विजेता बनी थी।
फिर इस टूर्नामेंट में यूपी एकादश नाम से टीम खिलाई जाने लगी। वैसे तो यूपी एकादश ने इस टूर्नामेंट के पिछले संस्करणों में कई बार दमदार चुनौती पेश की लेकिन विजेता बनने का मौका पहली बार अब लगा वो भी पिछली विजेता सीएजी दिल्ली के खिलाफ 4-3 गोल की जीत ¸से।
आंकड़ों को देखें तो साल 1973 से शुरू हुई इस प्रतियोगिता का इस साल ये 42वां संस्करण आयोजित हुआ था लेकिन 1998 और 2013 में ये प्रतियोगिता नहीं हो सकी और कोरोना काल में भी इस प्रतियोगिता पर समय की मार पड़ी जिसके चलते साल 2019, 2020 और 2021 में ये प्रतियोगिता हो नहीं सकी।
वैसे साल 1973 से 2024 तक के आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा बार इंडियन एयरलाइंस ने 11 बार खिताब जीता है। उसके बाद पंजाब पुलिस जालंधर ने 6 बार ट्रॉफी अपने नाम की है। वहीं आर्मी इलेवन चार बार जबकि इंडियन आयल चार बार व पंजाब एंड सिंध बैंक तीन बार विजेता बना है।
दूसरी ओर इस टूर्नामेंट में नार्दन रेलवे व इंडियन रेलवे एक बार जबकि एससी रेलवे सिंकदराबाद दो बार खिताब जीत चुकी है। इसके अलावा 1986 में यूपी स्पोर्ट्स हास्टल व इंडियन एयरलाइंस, 1996 मं पंजाब पुलिस जालंधर व बीएसएफ जालंधर, 2006 में पंजाब एंड सिंध बैंक जालंधर व इंडियन आयल की टीमें संयुक्त विजेता बनी थीं।