विदर्भ ने तीसरी बार रणजी ट्रॉफी पर जमाया कब्जा, दानिश मालेवर बने प्लेयर ऑफ द मैच

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– करुण नायर की बल्लेबाजी ने भी निभाई फाइनल में अहम भूमिका
-विदर्भ के हर्ष दुबे को मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया

नागपुर। फाइनल में शानदार प्रदर्शन के साथ विदर्भ ने रविवार को केरल से पहली पारी की बढ़त के आधार पर रणजी ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया। ट्रॉफी जीतने के बाद विदर्भ के कोच और अपने समय के धाकड़ बल्लेबाज अमय खुरसिया का पिच से मुट्ठी भर मिट्टी लेने का भावनात्मक दृश्य भी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने देखा। यह तीसरा मौका है जब विदर्भ की टीम रणजी ट्रॉफी में चैम्पियन बनी है। विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के जमथा स्टेडियम में खेले गए फाइनल के पांचवें व अंतिम दिन मैच में कोई नतीजा निकलते न देख दोनों अंपायरों ने मुकाबले को ड्रॉ घोषित कर दिया। दोपहर 2:20 बजे, जब चाय ब्रेक करीब था, स्टंप्स उखाड़ दिए गए और विदर्भ को आधिकारिक रूप से चैंपियन घोषित कर दिया गया। इसके बाद स्टेडियम में मौजूद लगभग 3000 दर्शकों ने विदर्भ के कप्तान अक्षय वड़कर को ट्रॉफी उठाए देखा।

यह केरल टीम का दुर्भाग्य ही रहा जो वह कुछ रनों से पहली पारी में लीड लेने से चूक गई। इस चूक से उसके हाथों से रणजी ट्रॉफी भी निकल गई। फाइनल दिन का खेल केरल के लिए थोड़ी उम्मीद के साथ शुरू हुआ। जब करुण नायर अपने पिछले दिन के स्कोर 132 में सिर्फ़ तीन रन जोड़कर आउट हो गए, तब भी केरल के लिए विदर्भ द्वारा दिए जाने वाले लक्ष्य का पीछा करना बहुत मुश्किल था। लेकिन यह सपना तब भी ज़िंदा था जब स्थानीय खिलाड़ी आदित्य सरवटे ने नायर को एक घूमती गेंद से चकमा दे दिया। पिच से टर्न, अनियमित उछाल और नई गेंद का प्रभाव साफ दिख रहा था।

इसके बाद हर्ष दुबे, ईडन एप्पल टॉम की फुल डिलीवरी को क्रॉस खेलते हुए पगबाधा हो गए। पहले 45 मिनट के भीतर दो विकेट गिरने से केरल के खिलाड़ी उत्साहित हो गए। क्या क्रिकेट के देवता इस मैच को एक और रोमांचक मोड़ देने की साज़िश कर रहे थे? आख़िर वह टीम, जिसने क्वार्टर फ़ाइनल और सेमीफ़ाइनल में सिर्फ़ एक और दो रन की मामूली बढ़त के दम पर यहां तक का सफ़र तय किया था, इतनी आसानी से कैसे ढह सकती थी? शायद कहानी में एक और मोड़ बाक़ी था।

यह एहसास तब और मज़बूत हुआ जब विदर्भ के कप्तान अक्षय वड़कर एक नीची रहती गेंद पर बोल्ड हो गए। सरवटे, जिन्होंने विदर्भ ड्रेसिंग रूम में वड़कर के साथ कई खास लम्हे साझा किए थे, इस विकेट पर ज़ोरदार जश्न मना रहे थे। अचानक उनके खाते में तीन विकेट थे और पूरे केरल की उम्मीदें उनके पीछे थीं। लेकिन अक्षय कर्णेवार 30 रन की बेहद अहम पारी खेल गए, जिससे खेल में समय गुजरता गया। जैसे-जैसे लंच का वक़्त नज़दीक आया, केरल की उम्मीदें धुंधली पड़ने लगीं। इसके बाद जब दर्शन नालकंडे ने अर्धशतक जड़ दिया तब यह उम्मीद पूरी तरह समाप्त ही हो गईं। इसके बाद दोनों टीमों ने तय किया कि खेल यहीं समाप्त कर देना चाहिए।

संक्षिप्त स्कोर कार्ड : विदर्भ 379 (मालेवर 153, नायर 86, निधीश 3-61) और 9 विकेट पर 375 पारी घोषित (नायर 135, मालेवर 73, सरवटे 4-96) ने केरल 342 (बेबी 98, सरवटे 79, नलकंडे 3-52)।

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