कानपुर। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारत की नीतू डेविड को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में जगह दी है। आईसीसी ने बुधवार को दुनिया के तीन दिग्गज पूर्व खिलाड़ियों दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स, इंग्लैंड के एलिस्टेयर कुक और नीतू डेविड को इस सम्मान के लिए चुना है। कानपुर की रहने वाली नीतू डेविड को इस सम्मान के लिए चुने जाने पर उनके फैन्स बधाई देने उनके घर पहुंचने लगे।
वर्ष 2009 से दिये जा रहे इस सम्मान को अभी तक कई भारतीय खिलाड़ी हासिल कर चुके हैं, जिसमें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, डायना एडुल्जी शामिल हैं। आईसीसी द्वारा आज भारत की पूर्व स्पिनर नीतू डेविड का नाम घोषित होते ही कानपुर स्थित उनके घर और यूपीसीए के आफिस में बधाईयों का तांता लग गया। यूपीसीए सचिव अऱविंद श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष प्रेम मनोहर गुप्ता, सीईओ अंकित चटर्जी सभी ने इस ऐतिहासिक पल के लिए नीतू डेविड को शुभकामनाएं दी हैं।
श्याम नगर की रहने वाली नीतू डेविड का जन्म वर्ष 1977 में कानपुर में हुआ। मां-बाप के निधन के बाद वह अपने बड़े भाई के साथ ही रहतीं हैं। वर्तमान में वह रेलवे के कानपुर डीजल शेड में आफिस सुप्रीटेंडेंट पद पर तैनात हैं। वर्ष 2020 से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की महिला चयन समिति की चेयर पर्सन नीतू डेविड ने आईसीसी द्वारा दिये जाने वाले इस सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज मिले सम्मान से बहुत खुश हूं।
नीतू डेविड ने बतौर स्पिनर वर्ष 1992 से उत्तर प्रदेश से क्रिकेट की शुरुआत की। जिसके एक साल बाद ही उनका चयन भारतीय टीम में हुआ। 1993-94 में उन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए दस टेस्ट मैचों में 41 विकेट और 97 वनडे में 141 विकेट लेने के बाद वर्ष 2008 में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में भारत की तरफ से 100 विकेट लेने वाली पहली गेंदबाज हैं।
अभी भी वह भारत की तरफ से दूसरी सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं। घरेलू मैचों की बात करें तो नीतू ने उत्तर प्रदेश से 150 मैच खेले। वहीं उन्होंने वर्ष 1996 से 2008 तक रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। संन्यास लेने के बाद वह 2008 से 2010 तक उत्तर प्रदेश टीम की कोच रहीं। उसके बाद वह तीन साल यूपी महिला चयन समिति की चेयर पर्सन बनी। वर्ष 2020 में बीसीसीआई ने उन्हें अपनी महिला चयन समिति का चेयर पर्सन बनाया। जो अभी तक जारी है।
नीतू डेविड के नाम अभी भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा रिकार्ड है जो कोई भी खिलाड़ी तोड़ नहीं पाया है। घरेलू मैचों में उन्होंने 10 ओवर में 9 मेडन ओवर डालकर एक विकेट हासिल किया, जो रिकार्ड बुक में अभी भी दर्ज है। इसके अलावा वर्ष 1995 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में उन्होंने 53 रन देकर 8 विकेट हासिल किए। विश्व क्रिकेट में अभी तक महिला टेस्ट मैचों में यह कारनामा अन्य कोई गेंंदबाज हासिल नहीं कर सका है। इसके अलावा वह भारत की तरफ से वनडे क्रिकेट में 100 विकेट हासिल करने वाली पहली गेंंदबाज हैं।