वैसे तो हर छोटे बड़े क्रिकेटर को यह हक होता है कि वह अपने खेल का आकलन कर यह फैसला ले कि उसे कब तक खेलना चाहिए। लेकिन यदि कोई महान खिलाड़ी उम्र दराज होने के बावजूद खेलता रहता है तो उसके संन्यास पर चर्चा करने के बजाय यह फैसला उस पर और उसकी फ्रेंचाइजी पर छोड़ देना चाहिए। फ्रेंचाइजी को जब वह खिलाड़ी पसंद है तो हम आप कौन होते हैं उसे संन्यास लेने का समय हो गया यह बताने वाले?
हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपरकिंग (सीएसके) के सबसे सीनियर खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी के बारे में।सीएसके की आईपीएल 2025 में उनके आखिरी मुकाबले में गुजरात टाइटंस के खिलाफ बड़ी जीत के बाद एक बार फिर कमेंट्रेटरों के बीच उनके संन्यास को लेकर चर्चा होने लगी। कयास लगाए जाने लगे कि अगले सीजन माही टीम का हिस्सा होंगे या नहीं।
धोनी ने अपने संन्यास पर बस इतना ही कहा है कि कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि इस बारे में फैसला लेने के लिए उनके पास अभी चार-पांच महीने का समय है। धोनी खुद को फिट रखने की जरूरत पर ध्यान के्द्रिरत करने को कह रहे हैं। धोनी 2 महीने बाद 7 जुलाई को 44 साल के हो जाएंगे। आईपीएल के 19वें संस्करण में वह 45 की उम्र से लगभग 4 महीने कम होंगे। एक मैच के दौरान पहली बार धोनी का परिवार भी मौजूद था, तब भी यह माना जा रहा था कि माही संन्यास घोषित कर सकते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं। धोनी का यह स्टाइल भी नहीं है। अचानक ही संन्यास घोषित करते रहे हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा। यह भी हो सकता है कि अगले सीजन वे सीएसके की टीम के साथ हो पर एक अलग भूमिका में।
क्रिकेट विशेषज्ञ आकाश चोपड़ा का कहना है कि धोनी की फिटनेस चेन्नई के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। हालांकि आकाश चोपड़ा की इस बात से पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना सहमत नहीं थे और दोनों के बीच लाइव शो में तीखी बहस देखने को मिली, जिसका वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आकाश चोपड़ा ने कहा कि मुद्दा यह है कि वह नंबर 7, नंबर 8 या नंबर 9 पर क्यों बल्लेबाजी कर रहे हैं? आपकी टीम अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर रही है, समस्याएं शीर्ष क्रम से आ रही हैं। क्या इतने बड़े खिलाड़ी को ऊपर बल्लेबाजी नहीं करनी चाहिए? क्या वह फिट भी हैं या नहीं?
इस पर रैना ने कहा कि धोनी 18 साल से टीम के साथ हैं और अब भी वह सबसे ज्यादा छक्के लगाते हैं। उन्हें लगता है कि वह अंतिम चार ओवरों में अधिक सहज हैं। वह 44 साल की उम्र में भी फिट हैं और विकेटकीपिंग कर रहे हैं। रैना ने आकाश से सवाल किया कि मान लीजिए 6 गेंदों पर 16 रन चाहिए और आपके पास ऑप्शन हैं- एमएस धोनी, आंद्रे रसेल और रिंकू सिंह तो आप किसको चुनेंगे। इसके जवाब में आकाश चोपड़ा ने कहा कि अगर स्पिनर गेंद डाल रहा है तो वह माही को नहीं चुनेंगे क्योंकि उनके आंकड़े बहुत अच्छे नहीं हैं। इस पर रैना बोले कि धोनी ने तो कुणाल पांड्या पर भी छक्के जड़े हैं।
इसके बाद टीम इंडिया के पूर्व बैटिंग कोच संजय बांगर भी इस बहस में कूद पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि ओवरऑल फिटनेस की जब बात होती है तो विकेट के बीच में रनिंग की बात नहीं होती या फिर घुटने की चोट की बात नहीं होती बल्कि आंख और हाथ के बीच तालमेल की भी बात की जाती है। अगले साल धोनी 44 साल के हो जाएंगे और आईपीएल के इतिहास में अब तक कोई भी खिलाड़ी इस उम्र तक खेला नहीं है। ऐसे में उनके लिए अगले सीजन दिक्कत हो सकती है। हालांकि, बांगर की इस बात से रैना सहमत नजर नहीं आए और उन्होंने कहा कि उनकी विकेटकीपिंग अभी भी अच्छी है।